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एसटीएफ का फर्जी नोटिस भेजकर 15 लाख की वसूली:प्रयागराज में घर में घुसकर महिला को एनकाउंटर के लिए धमकाया, एफआईआर

प्रयागराज के बमरौली में फर्जी एसटीएफ नोटिस भेजकर 15 लाख रुपये की अवैध वसूली का मामला सामने आया है। आरोप है कि डराने-धमकाने, घर में घुसकर पीड़िता को घायल करने और मोबाइल कब्जे में लेकर एसटीएफ के नाम से एनकाउंटर करने की भी धमकी दी गई। पीड़ित मो. मिया उर्फ शेरू ने थाने में सुनवाई नहीं होने पर कोर्ट में गुहार लगाई और अब कोर्ट के आदेश पर इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। 19 जून को भेजा नोटिस शिकायत में विपक्षी महिला लूसी सिद्दीकी तथा उसके पति जफर नईम पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पीड़ित ने बताया कि 19 जून को उसके मोबाइल नंबर पर अज्ञात नंबर से व्हाट्सऐप पर एक नोटिस भेजा गया, जिसमें उसे, सुफियान अहमद और अलकमा बानो को एसटीएफ द्वारा मुलजिम बताया गया था। यह संदेश देखकर प्रार्थी घबरा गया। जांच की कोशिश के दौरान उसकी रिश्तेदार लूसी सिद्दीकी ने उसे अपने घर बुलाकर समझाने के नाम पर गुमराह किया और डराकर घर में रोक लिया। जांच-पड़ताल से रोककर एनकाउंटर की धमकी लूसी सिद्दीकी और उसके पति जफर नईम ने प्रार्थी व रिश्तेदारों को यह कहकर किसी से बातचीत करने से रोका कि ज्यादा हिलने-डुलने पर उन्हें अतीक के साथी बताते हुए एसटीएफ द्वारा एनकाउंटर करा दिया जाएगा और घर भी गिरवा दिया जाएगा। इससे प्रार्थी और उसका पूरा परिवार दहशत में आ गया। 25 लाख की मांग, 15 लाख लेकर छोड़ने का वादा विपक्षी दंपती ने नाम नोटिस से हटवाने के बदले 25 लाख रुपये की मांग की। डर से प्रार्थी और उसके रिश्तेदारों ने जगह-जगह से पैसे का इंतजाम किया।मौमूना बेगम ने दो लाख, लुकमान अहमद ने तीन लाख (चेक 845901 से), निक्केउद्दीन ने दो लाख, शाहजहां ने दो लाख (खाता 75518XXXXX से), शबनम ने एक लाख दिए। पहले दस लाख दिए गए, बाद में पांच लाख और जुटाकर कुल 15 लाख रुपये विपक्षियों को दे दिए गए। मोबाइल कब्जे में लेकर एसटीएफ ऑफिस ले गई राशि लेने के बाद विपक्षियों ने कहा कि अब नाम नोटिस से कट जाएगा। उन्होंने प्रार्थी का मोबाइल छीनकर अपने पास रख लिया यह कहते हुए कि एसटीएफ को मोबाइल की जरूरत होगी। इसके बाद लूसी सिद्दीकी प्रार्थी को कथित एसटीएफ ऑफिस ले गई और किसी व्यक्ति से मिलवाया जिसे वह एसटीएफ का बड़ा अधिकारी बताती थी। पत्नी को भी धमकी, घर में नकाबपोश घुसे जब प्रार्थी की पत्नी ने स्वयं एसटीएफ के बड़े अधिकारी से मिलने की बात कही तो 26 जून की रात करीब 8:10 बजे तीन नकाबपोश व्यक्ति घर में घुस आए। उन्होंने प्रार्थी की पत्नी को लात मारकर गिरा दिया जिससे उसके हाथ-पांव में गंभीर चोटें आईं। हमलावरों ने चेतावनी दी कि “15 लाख भूल जाओ और लूसी का नाम मत लेना, वरना पूरे परिवार को फर्जी केस में फंसाकर जेल भेज देंगे।” पुलिस को सूचना लेकिन कार्रवाई नहीं हुई पीड़िता ने तत्काल 112 नंबर पर कॉल कर घटना की जानकारी दी। इसके बाद प्रार्थी ने थाना पूरामुफ्ती, पुलिस आयुक्त प्रयागराज, मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित शिकायतें दीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। विपक्षियों पर पहले से इसी तरह वसूली का आरोप प्रार्थी के मुताबिक लूसी सिद्दीकी और जफर नईम राजनीतिक पकड़ और प्रभाव का हवाला देकर इस तरह का फर्जीवाड़ा पहले भी कई लोगों के साथ कर चुके हैं। फर्जी नोटिस बनवाकर दहशत फैलाना और वसूली करना उनकी पुरानी आदत बताई गई है। न्यायालय के आदेश पर थाना पूरामुफ्ती में एफआईआर दर्ज लगातार कार्रवाई न होने पर प्रार्थी ने न्यायालय की शरण ली। अदालत ने प्रार्थना पत्र स्वीकार कर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद थाना पूरामुफ्ती पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।


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