बाराबंकी में सांसद तनुज पुनिया ने एक प्रेस वार्ता में प्रदेश और जिले में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित एक माह की अवधि में लगभग 15 करोड़ 42 लाख मतदाताओं की समीक्षा करना असंभव है, जिससे इस प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लग गया है। सांसद पुनिया ने जानकारी दी कि केरल और उत्तर प्रदेश में चल रही एसआईआर प्रक्रिया को लेकर न्यायालय ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं भी उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर चुनाव आयोग को चुनौती दी है। पुनिया के अनुसार, वर्तमान एसआईआर प्रक्रिया मतदाता सूची को प्रभावित कर सकती है और चुनावी निष्पक्षता पर संदेह पैदा करती है। उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। सांसद पुनिया ने मांग की कि एसआईआर प्रक्रिया को निष्पक्ष शासन और प्रशासन के माध्यम से पारदर्शी तरीके से पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वास्तविक समीक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसकी समय सीमा बढ़ाना आवश्यक है। प्रेस वार्ता में कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहम्मद मोहसिन ने आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया जमीनी स्तर पर पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने बताया कि बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर फॉर्म उपलब्ध कराने की प्रक्रिया प्रभावी ढंग से नहीं चल रही है, और समाज में इस बारे में जागरूकता भी बहुत कम है। इस प्रेस वार्ता में जिला कांग्रेस अध्यक्ष मोहम्मद मोहसिन के साथ नगर अध्यक्ष राजेंद्र वर्मा ‘फोटो वाला’ और प्रवक्ता के.सी. श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
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