ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 141वीं बोर्ड बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। शनिवार शाम हुई इस बैठक में उन बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का फैसला लिया गया, जिन्होंने खरीदारों को उनके घर नहीं सौंपे हैं। ऐसे एक दर्जन बिल्डरों से अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों से प्राप्त रियायतें वापस ली जाएंगी। नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन दीपक कुमार और अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार की मौजूदगी में हुई इस बैठक में अध्यक्ष दीपक कुमार ने स्पष्ट किया कि जिन बिल्डरों ने अब तक न तो बायर्स के नाम रजिस्ट्री शुरू की है और न ही प्राधिकरण का बकाया जमा किया है, उन्हें अब और समय देना उचित नहीं है। उन्होंने ऐसे बिल्डरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। इन एक दर्जन बिल्डरों में एवीजे डेवलपर्स (सेक्टर बीटा टू), एमएसएक्स रियलटेक (सेक्टर अल्फा वन), ज्योतिर्मय इंफ्राकॉन (सेक्टर-16सी), अंतरिक्ष इंजीनियरिंग (सेक्टर-1) और एलिगेंट इंफ्राकॉन (सेक्टर टेकजोन-4) जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। बोर्ड ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि बिल्डरों पर कार्रवाई करते समय खरीदारों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाए। गौरतलब है कि अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के आधार पर रियल एस्टेट के लिगेसी प्रोजेक्ट्स की अड़चनों को हल करने के लिए एक नीति पैकेज लाया गया था। इस नीति का लाभ अब तक 98 में से 85 बिल्डर परियोजनाओं को मिल चुका है, जिससे उन्हें पूरा कर खरीदारों को उनका आशियाना देने का रास्ता साफ हुआ है। इस पॉलिसी का लाभ लेकर लगभग 18 हजार फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री भी हुई है। हालांकि, बाकी एक दर्जन बिल्डरों ने खरीदारों के नाम रजिस्ट्री करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया है। इन्हीं लापरवाह बिल्डरों पर अब कार्रवाई के लिए बोर्ड ने अपनी मंजूरी दे दी है।
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