उन्नाव में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। पूरन नगर स्थित एक मकान की जांच के दौरान यह मामला सामने आया, जिसने प्रशासनिक अधिकारियों को भी हैरान कर दिया। मकान नंबर 57 की मतदाता सूची में कुल 45 नाम दर्ज थे। हालांकि, मौके पर की गई जांच में केवल तीन निवासी ही मिले। शेष 42 नामों के बारे में न तो मकान मालिक कोई जानकारी दे सका और न ही पड़ोसियों ने उन्हें पहचानने की पुष्टि की। SIR अभियान के तहत बूथ लेवल अधिकारी (BLO) राजीव कुमार जब मकान नंबर 57 पर पहुंचे, तो उन्हें घर में केवल तीन लोग मिले। BLO ने मकान मालिक से मतदाता सूची में दर्ज 45 नामों के बारे में पूछताछ की। मकान मालिक ने बताया कि उन्हें शेष 42 नामों के बारे में कोई जानकारी नहीं है और वे उन्हें पहचानते भी नहीं हैं। BLO ने पड़ोसियों से भी संपर्क किया। पड़ोसियों ने पुष्टि की कि इस मकान में कभी इतने लोग नहीं रहे। उन्होंने बताया कि सूची में दर्ज अधिकांश व्यक्तियों को उन्होंने कभी आते-जाते नहीं देखा। यह घटना मतदाता सूची में गंभीर अनियमितताओं और ‘फर्जी प्रविष्टियों’ की ओर संकेत करती है। अपर जिलाधिकारी (ADM) सुशील कुमार के अनुसार, यह मामला बेहद गंभीर है और इसकी जांच तेजी से की जा रही है। ऐसे सभी संदिग्ध मामलों की सूची बनाकर निर्वाचन आयोग को भेजी जा रही है, ताकि पूरे प्रकरण की गहराई से जांच हो सके। अधिकारियों ने यह भी बताया कि SIR अभियान के दौरान इस तरह की कई अनियमितताएं सामने आ रही हैं, जो मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर ‘फर्जी प्रविष्टियों’ की मौजूदगी दर्शाती हैं। इस खुलासे के बाद पूरे क्षेत्र में चर्चा तेज हो गई है। स्थानीय लोग भी हैरान हैं कि बिना जानकारी के इतने नाम एक ही पता पर कैसे दर्ज हो गए। वहीं प्रशासन ने मतदाता सूची को पूरी तरह शुद्ध करने के लिए ऐसे हर संदिग्ध पते की गहन जांच करने के निर्देश जारी किए हैं।
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