जिलाधिकारी गौरांग राठी के आदेश पर उन्नाव जनपद के विकासखंडवार धान क्रय केंद्रों और उर्वरक बिक्री केंद्रों का व्यापक निरीक्षण किया गया। इस दौरान तीन प्रतिष्ठानों को निलंबित कर दिया गया, जबकि पाँच को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिलाधिकारी द्वारा नामित टीमों ने जिलेभर में उर्वरक विक्रेताओं और क्रय केंद्रों की कार्यप्रणाली की विस्तृत जांच की। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि किसानों को की जा रही बिक्री पूरी तरह नियमों के अनुरूप हो और कहीं भी कालाबाजारी या ओवररेटिंग जैसी अनियमितताएं न हों। जांच में प्रत्येक विक्रेता के स्टॉक रजिस्टर, वितरण रजिस्टर और कैश मेमो की बारीकी से पड़ताल की गई। साथ ही, किसानों के बयान लेकर यह सत्यापित किया गया कि उन्हें निर्धारित दरों पर ही उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। कुल 35 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर तीन प्रतिष्ठानों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। इसके अतिरिक्त, पाँच प्रतिष्ठानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। संदिग्ध परिस्थितियों में पाए गए एक स्टॉक से नमूना भी लिया गया है, जिसकी जांच आगे की जा रही है। जिला कृषि अधिकारी शशांक चौधरी ने सभी उर्वरक विक्रेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे पीओएस मशीन के माध्यम से खतौनी के आधार पर ही वितरण करें। उन्होंने यह भी कहा कि दुकानों पर स्टॉक बोर्ड, रेट बोर्ड, स्टॉक एवं वितरण रजिस्टर तथा कैश मेमो उपलब्ध होना अनिवार्य है। चौधरी ने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की अनियमितता, ओवररेटिंग, टैगिंग, दुकान बंद मिलने या अधिक बिक्री की स्थिति में दोषी पाए जाने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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