उन्नाव में कांग्रेस विकलांग प्रकोष्ठ और दिव्यांग महागठबंध के पदाधिकारियों ने दिव्यांगों की समस्याओं पर एक महत्वपूर्ण बैठक की। कैलेटरगंज फाटक स्थित प्रदेश कैंप कार्यालय में आयोजित इस बैठक में प्रदेश और जिला स्तर के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने दिव्यांगों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं के अभाव पर गंभीर चिंता व्यक्त की। कांग्रेस विकलांग प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता तन्मय श्रीवास्तव ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार हर साल 3 दिसंबर को विश्व विकलांग दिवस बड़े आयोजनों और भारी बजट के साथ मनाती है। हालांकि, जमीनी स्तर पर दिव्यांगजन अभी भी प्रमाण पत्र, पेंशन, आवास, परिवहन सुविधा और चिकित्सा सहायता जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हर दिव्यांग अपने अधिकारों और संसाधनों तक नहीं पहुंच जाता, तब तक ‘विश्व दिव्यांग दिवस’ मनाना उनके दर्द का मज़ाक उड़ाने जैसा है। दिव्यांग महागठबंध के जिला अध्यक्ष शाश्वत बाजपेई ने उत्तर प्रदेश सरकार पर 2022 के चुनावों में दिव्यांगों से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इससे पूरे समुदाय में भारी आक्रोश है। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी 3 दिसंबर को सरकार द्वारा आयोजित विश्व विकलांग दिवस के कार्यक्रमों का विरोध किया जाएगा। इस विरोध प्रदर्शन के तहत, कांग्रेस विकलांग प्रकोष्ठ और दिव्यांग महागठबंध संयुक्त रूप से कांग्रेस पार्टी कार्यालय पर सुबह 11 बजे काली पट्टी बांधकर हवन करेंगे। साथ ही, मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा। जिला अध्यक्ष शाश्वत बाजपेई ने दिव्यांगजनों से अपील की कि जिन्हें विकलांग ई-बस पास, रेलवे पास, विकलांग प्रमाण पत्र, मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल, आवास, पेंशन, कान की मशीन या किसी अन्य सुविधा से संबंधित समस्या है, वे 2 दिसंबर को सुबह 10 से 12 बजे तक हरदोई पुल के पास स्थित कांग्रेस कार्यालय में अपने आवश्यक दस्तावेजों के साथ संपर्क करें। इससे उनकी समस्याओं को संकलित कर शासन-प्रशासन तक प्रभावी ढंग से पहुंचाया जा सकेगा। बैठक में जिला अध्यक्ष बंसीलाल, रामलाल, अनोखे, अखिल गुप्ता और मयंक बाजपेई सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
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