त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम जोरों पर है। इस बार इस सूची में बोगस वोटर नहीं रहेंगे। एक से अधिक ग्राम पंचायतों में एक ही व्यक्ति का नाम नहीं रहेगा। इसके लिए संभावित डुप्लीकेट सूची तैयार की गई है। जिले में 5 लाख 16 हजार संभावित डुप्लीकेट नाम हैं। उनका वेरीफिकेशन कराया जा रहा है।
वेरीफिकेशन के दौरान दिए गए पते पर बीएलओ को पहुंचना है। संबंधित व्यक्ति के आधार नंबर का अंतिम चार अंक दर्ज करना है। यदि व्यक्ति वहां नहीं रहता या आधार नहीं देता तो उसे डुप्लीकेट माना जाएगा और उसका नाम काट दिया जाएगा। अब तक 3 लाख 13 हजार लोगों का वेरीफिकेशन पूरा हो गया है। मौजूद न होने या आधार नंबर न देने के कारण 93 हजार लोगों के नाम डिलीट कर दिए गए हैं। 11 दिसंबर तक वेरीफिकेशन का काम पूरा कर लेना होगा। तेजी से हो रहा वेरीफिकेशन मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधित करने के लिए पुनरीक्षण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। उसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग से हर जिले में संभावित डुप्लीकेट नामों की सूची भेज दी गई। अब बीएलओ के माध्यम से इसका तेजी से वेरीफिकेशन कराया जा रहा है। कुछ बीएलओ की मानें तो शुरू में बताया गया था कि आधार कार्ड मांगना है, नहीं मिलता है और संबंधित व्यक्ति मौके पर मिले तो उसका नाम सूची में शामिल रहेगा। लेकिन कुछ दिन बाद संबंधित तहसीलों के एसडीएम के माध्यम से यह बताया गया कि आधार कार्ड का अंतिम चार अंक दर्ज करना अनिवार्य है। जो यह नहीं देगा,उसका नाम काट दिया जाएगा। ब्लाक को माना यूनिट, ग्राम पंचायतवार दी है सूची वेरीफिकेशन के लिए ब्लाक को यूनिट माना गया है। यदि किसी व्यक्ति का नाम, पिता का नाम व जन्मतिथि एक ही है तो उसे संभावित डुप्लीकेट की श्रेणी में डाला गया है। यह सूची बीएलओ को दी गई है और वह अलग-अलग वार्डों में जाकर स्थलीय सत्यापन कर रहे हैं। इस सूची में शामिल लोगों से आधार नंबर का अंतिम चार डिजिट मांगा जा रहा है। इसे दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है। सूची प्रकाशन की बढ़ाई गई समय सीमा
मतदाता सूची के प्रकाशन की समय सीमा बढ़ा दी गई है। अनंतिम सूची पहले 6 दिसंबर को प्रकाशित होनी थी लेकिन अब इसके लिए 23 दिसंबर का समय दिया गया है। 30 दिसंबर तक दावे और आपत्तियां की जा सकेंगी। 31 दिसंबर से 6 जनवरी तक इसका निस्तारण किया जाएगा। सूची का अंतिम प्रकाशन अब 6 फरवरी को किया जाएगा। जानिए क्या कहते हैं अधिकारी उप जिला निर्वाचन अधिकारी विनीत कुमार सिंह ने बताया कि संभावित डुप्लीकेट नामों का वेरीफिकेशन कराया जा रहा है। ऐसे लोगों से आधार नंबर के अंतिम चार डिजिट मांगे जा रहे हैं। लोग यह डिजिट उपलब्ध करा दे रहे हैं। सत्यापन में जो वास्तविक रूप से डुप्लीकेट नाम मिल रहा है, उसे डिलीट किया जा रहा है।
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