आजमगढ़ के देवगांव कोतवाली क्षेत्र की लालगंज पुलिस चौकी पर तैनात सब इंस्पेक्टर लाल बहादुर पर जेल भेजने की धमकी देकर 5000 की अवैध वसूली मांगने का आरोप लगा है। शिकायत की जानकारी मिलते ही एसएसपी डॉ. अनिल कुमार ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। आरोप है कि पुरानी रंजिश से जुड़ी मारपीट के एक मामले में तीन अभियुक्तों को जेल भेजने की धमकी दी गई और चार्जशीट लगाने के नाम पर रिश्वत की मांग की गई। यह गंभीर कदाचार माना गया, जिसके बाद आरोपी सब इंस्पेक्टर के खिलाफ देवगांव कोतवाली में भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही एसएसपी ने सभी पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि भ्रष्टाचार, अवैध धन उगाही और किसी भी तरह की अनैतिक वसूली को किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे मामलों में सख्त और तत्काल कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित ने की थी मामले की शिकायत इस मामले में पीड़ित आकाश चौहान ने जिले के एसएसपी डॉक्टर अनिल कुमार से मिलकर अवगत कराया कि ग्राम प्रधान सोनू प्रजापति द्वारा अपने साथियों के साथ पुरानी रंजिश के चलते मारपीट की गई थी जिसमें चोट लगी थी। इस घटना के संबंध में थाना देवगांव पर तीन नामजद अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसकी विवेचना सब इंस्पेक्टर लाल बहादुर प्रसाद द्वारा की जा रही थी। इसी मामले में तीनों अभियुक्तों को जेल भेजने की धमकी देकर चार्जशीट लगाने के नाम पर 5000 की रिश्वत मांगी गई थी। जिसके आधार पर सब इंस्पेक्टर लाल बहादुर को निलंबित किया गया है। SSP ने भी दो सिपाहियों को भेजा था जेल आजमगढ़ के पूर्व SSP और वर्तमान में बरेली के SSP अनुराग आर्य ने 21 जून 2024 को दो पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार करा कर जेल भेजा था। इन दोनों पुलिस कर्मियों पर डरा धमकाकर ₹6000 जबरदस्ती वसूली के आरोप लगे थे। जमीन संबंधी विवाद निपटान के नाम पर आरक्षी अजीत कुमार यादव और आरक्षी सत्यदेव पाल के विरुद्ध भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। इसके साथ ही दोनों आरोपियों को जेल भिजवाया गया था।
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