दम तोड़ती यमुना नदी को प्रदूषण से बचाने की कवायद शुरू हो गई है। 90 करोड़ रुपये की लागत से 45 छोटे-बड़े ऐसे नाले टैप किए जाएंगे, जो सीधे यमुना में गिर रहे हैं। इन नालों से हर दिन लगभग 70 से 80 एमएलडी गंदा पानी यमुना में गिर रहा है। NGT हुआ सख्त
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) लंबे समय से यमुना में गिर रहे नालों को सख्त है। यमुना को प्रदूषणमुक्त करने के लिए सरकार और प्रशासन को निर्देश दिए गए। इसके बाद नगर निगम और जल निगम ने सर्वे कराकर यमुना में गिर रहे नालों को चिह्नित कराया। यहां मिल रहे गंदे नाले
इनमें भैरो घाट, वाटर वर्क्स, नरायच, एत्माद्दौला, नुनिहाई के पास स्थित बड़े नाले के अलावा 40 अन्य छोटे नाले शामिल है। अगले एक सालमें इन नालों के टैप होने के बाद यमुना के प्रदूषण में कमी आएगी। मौजूद समय में इन नालों से हर दिन करीब 70 से 80 एमएलडी गंदा पानी यमुना में गिर रहा है।
इसके बाद एक ओर नालों के गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए एसटीपी निर्माण की कवायद शुरू की गई। जल निगम ने ऐसे 45 नालों की टैपिंग के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की है। यमुना में फैली गंदगी एक तरफ नाले यमुना की मुश्किल बढ़ा रहे हैं तो दूसरी तरफ नदी में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। किनारों पर काफी गंदगी फैल रहती है। पूजन सामग्री के अलावा लोग कचरा भी यमुना नदी के किनारे डाल जाते हैं। इसकी वजह से कई जगह पर यमुना किनारे कूड़े के ढेर लगे रहते हैं।
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