अखिल भारतीय चाणक्य परिषद ने मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर को एक शिकायत पत्र सौंपा। परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक पं. कृपा निधान तिवारी के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने SSP से मुलाकात कर ज्ञापन दिया। परिषद ने आरोप लगाया है कि आईएएस संतोष वर्मा ने सार्वजनिक मंच पर ब्राह्मण समाज की बेटियों के प्रति अभद्र और अमर्यादित टिप्पणी की है। परिषद का कहना है कि ऐसी टिप्पणी न केवल जातीय विद्वेष फैलाती है, बल्कि समाज के सौहार्द और शांति के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करती है। शिकायत पत्र में परिषद ने इसे “देश की बेटियों और नारी सम्मान का अपमान” बताते हुए भारत की सांस्कृतिक मान्यता ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता’ का हवाला दिया। परिषद का दावा है कि इससे कानून-व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। परिषद ने यह भी कहा कि संतोष वर्मा पूर्व में भी कुछ विवादित मामलों में शामिल रहे हैं, जिसके आधार पर उन्होंने अधिकारी के “चरित्र की जांच” की मांग उठाई। परिषद का आरोप है कि यह पूरा प्रकरण किसी संगठित गिरोह या बाहरी फंडिंग के समर्थन से समाज में वैमनस्य फैलाने की साजिश भी हो सकता है, जिसकी उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की आवश्यकता है। पं. कृपा निधान तिवारी ने बताया कि उन्होंने SSP को शिकायत सौंपते हुए संतोष वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। SSP डॉ. गौरव ग्रोवर ने उपलब्ध जानकारी के अनुसार मामले में रिपोर्ट मंगवाने का आश्वासन दिया है। तिवारी ने कहा कि “एक ओर प्रधानमंत्री देशभर में नारी सम्मान को सर्वोपरि बताते हैं, वहीं दूसरी ओर एक वरिष्ठ अधिकारी की ऐसी टिप्पणी पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होना चिंता का विषय है।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो परिषद आगे की रणनीति तय करने पर विवश होगी।
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