मेरठ में बनाए गए विवादित वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर छाए शादाब जकाती के खिलाफ अब धार्मिक स्तर पर भी कार्रवाई शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश के चीफ मुफ्ती मौलाना इफ्राहीम चौधरी ने अलीगढ़ से शादाब जकाती पर फतवा-ए-आम जारी करते हुए उनके वीडियो को अश्लील, आपत्तिजनक और समाज को बिगाड़ने वाला करार दिया है। चीफ मुफ्ती का कहना है कि शादाब जकाती ने ऐसा कंटेंट प्रसारित किया है जो धार्मिक मान्यताओं और सामाजिक शालीनता दोनों के खिलाफ है। वीडियो में दिखाई गई अश्लीलता इस्लामिक शरीअत के अनुसार पूरी तरह हराम है। ऐसे व्यक्ति को समाज के सामने आकर माफी मांगनी चाहिए। संस्कृति को धूमिल करने वाला बताया वीडियो
उन्होंने कहा कि भले ही शादाब जकाती को जमानत मिल चुकी है, इसका मतलब यह नहीं कि समाज में फैली नाराजगी खत्म हो गई है। कानूनी प्रक्रिया अपनी जगह है, लेकिन सामाजिक और धार्मिक जिम्मेदारी अलग है। चीफ मुफ्ती ने आरोप लगाया कि शादाब जकाती ने निजी लाभ के लिए आपत्तिजनक वीडियो बनाकर संस्कृति को धूमिल करने की कोशिश की। माफ नहीं मांगी तो जहन्नुम में जाना पड़ेगा
चीफ मुफ्ती ने चेतावनी दी कि हया इमान है और बेहयाई जहन्नुम तक लेकर जाती है। शादाब जकाती का यह वीडियो गुनाह की श्रेणी में आता है। उन्हें खुदा और समाज से माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा उनके लिए जहन्नुम की राह तय। कोर्ट से मिल चुकी है जमानत
10 रुपए वाला बिस्किट कितने का है जी” वीडियो के मामले में मेरठ पुलिस ने शादाब जकाती को हिरासत में लिया था। आरोप था कि वीडियो आपत्तिजनक था और इसमें एक छोटी बच्ची दिखाई गई। सामाजिक संगठनों की शिकायत के बाद पुलिस ने उन्हें न्यायालय में पेश किया, जहां से जमानत पर रिहा कर दिया गया।
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