ध्वजारोहण समारोह की व्यापक तैयारियों के चलते कुछ दिनों के लिए रुका श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर का निर्माण कार्य अब दोबारा गति पकड़ने लगा है। फिलहाल राम मंदिर में रामलला के उत्तर-दक्षिण प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप में स्तंभों पर मूर्तियों के उत्कीर्णन का कार्य शुरू हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर निर्माण से पहले जिस अस्थायी मंदिर में चार वर्षों तक विराजमान रामलला की पूजा हुई, वह स्थान अब पूरी तरह पवित्र हो चुका है। इसलिए इसे खाली नहीं छोड़ा जा सकता। अस्थाई मंदिर स्थल पर एक स्मारक बनाया जा रहा है। निर्माण पूर्ण होने के बाद इसके ऊपर अनब्रेकेबल ग्लास का आवरण लगाया जाएगा। यहां हनुमान जी का प्राचीन विग्रह प्रतिष्ठित किया जाएगा।ध्यान रहे कि ध्वजारोहण समारोह के दौरान अस्थायी मंदिर हटाए जाने से पहले हनुमान जी के विग्रह को यज्ञ मंडप में स्थानांतरित किया गया, जहां उनकी नियमित पूजा जारी है। स्मारक तैयार होने के बाद उन्हें पुनः वहीं स्थापित किया जाएगा। चबूतरा निर्माण का कार्य पूरा अस्थायी मंदिर स्थल पर चबूतरा निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है और बंशी पहाड़पुर के लाल बलुआ पत्थरों की जोड़ाई की जा चुकी है। पत्थर के बने स्तंभ भी तैयार किए गए हैं। इसके साथ ही लोअर और अपर प्लिंथ पर भगवान राम के जीवन प्रसंगों पर आधारित त्रि-आयामी मूर्तियों को लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए लोहे के मचान खड़े किए जा रहे हैं। इधर, दर्शन मार्ग पर परकोटे के प्रवेश द्वार से सिंहद्वार तक दर्शनार्थियों की लेन के लिए बैरिकेडिंग का काम अभी शुरू नहीं हो सका है। इसे ध्वजारोहण समारोह के दौरान आमंत्रित अतिथियों की बैठक व्यवस्था के लिए हटाया गया था।
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