अयोध्या में पूर्व सिंचाई मंत्री मुन्ना सिंह चौहान के निधन को नौ वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन उनके नाम पर दर्ज दो पुरानी याचिकाएं आज भी विभागीय इंजीनियरों को परेशान कर रही हैं। ये दोनों याचिकाएं वर्ष 2009 में सड़क और नाली निर्माण से संबंधित थीं। गुरुवार को सर्किट हाउस में हुई याचिका समिति की बैठक में कुल 11 लंबित याचिकाओं पर चर्चा हुई, जिनमें मुन्ना सिंह की अनिस्तारित 2 याचिकाएं भी शामिल थीं। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि अब समिति इन याचिकाओं का परीक्षण कर निस्तारण की प्रक्रिया आगे बढ़ाएगी। जानकारी के अनुसार, मुन्ना सिंह का निधन 30 जुलाई 2016 को हो चुका है। वह अयोध्या जिले में जनहित के मुद्दे उठाने वाले संघर्षशील नेता के रूप में पहचान रखते थे। उनके निधन के बाद पहले उनकी पत्नी शोभा सिंह भाजपा से विधायक बनीं और वर्तमान में उनके पुत्र डॉ. अमित सिंह चौहान विधायक हैं। मुन्ना सिंह की दोनों याचिकाएं सोहावल ब्लॉक में शारदा सहायक नहर की पटरी से संबंधित निर्माण कार्य पर आधारित थीं। इन मामलों को लेकर लोक निर्माण विभाग और सिंचाई विभाग के इंजीनियरों को अभी भी जवाब देना पड़ रहा है, जिससे वे काफी दबाव में हैं। बैठक में पूर्व एमएलसी हीरालाल यादव की 2021 से लंबित एक याचिका भी शामिल रही, जिसमें नगर निगम के उसरू वार्ड में सीसी रोड व नाली निर्माण का प्रस्ताव था। यादव की विधान परिषद सदस्यता वर्ष 2022 में समाप्त हो चुकी है। लंबित 11 याचिकाओं में सबसे अधिक 6 याचिकाएं पूर्व एमएलसी लीलावती कुशवाहा की हैं। इनमें वर्ष 2019 की 4 और 2020 की 2 याचिकाएं शामिल हैं, जो सड़क व इंटरलॉकिंग मार्ग निर्माण से संबंधित हैं। उनका कार्यकाल जुलाई 2021 तक रहा था। इसके अलावा ध्रुव कुमार त्रिपाठी की 2013 की एक और लाल बिहारी यादव की 2022 की एक याचिका पर भी चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता याचिका समिति के सभापति अशोक अग्रवाल ने की। सदस्यों में अनूप गुप्त, अरुण कुमार पाठक, मुकुल यादव और उमेश द्विवेदी मौजूद रहे। वहीं जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे, सीडीओ कृष्ण कुमार सिंह और संबंधित विभागों के अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे। कमेटी ने आश्वासन दिया कि सभी लंबित याचिकाओं का जल्द निस्तारण कराया जाएगा।
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