अयोध्या में दिव्यांग बच्चों के लिए कई नई परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। इनमें मानसिक मंदित आश्रय गृह, राजकीय ममता विद्यालय, समावेशी समेकित विद्यालय और बचपन डे केयर सेंटर शामिल हैं। प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की पहल पर इन परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनका उद्देश्य जिले के दिव्यांग बच्चों को बेहतर शिक्षा, प्रशिक्षण और देखभाल के अवसर प्रदान करना है।बीकापुर के मुकीमपुर पहाड़पुर, शाहगंज में 10 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे मानसिक मंदित आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केंद्र का 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। निशुल्क शिक्षा, आवास और भोजन की सुविधा प्रदान करेगा शासन ने इस परियोजना के लिए पहली किस्त के तौर पर 2.45 करोड़ रुपए जारी किया हैं। यह केंद्र दिव्यांग बच्चों के समग्र विकास में सहायक होगा। यहां उन्हें निशुल्क आवास, भोजन और विशेष प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त कर सकेंगे। इसी क्रम में, शाहगंज में राजकीय ममता आवासीय विद्यालय का निर्माण भी प्रस्तावित है। यह विद्यालय छह से 18 वर्ष आयु वर्ग की दिव्यांग बालिकाओं को इंटर तक की निशुल्क शिक्षा, आवास और भोजन की सुविधा प्रदान करेगा। मानसिक मंदित बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे हुनरमंद बनकर समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें। विद्यालय दिव्यांग और सामान्य बच्चों को एक साथ पढ़ने का अवसर प्रदान करेगा जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी ने बताया कि समावेशी समेकित विद्यालय का निर्माण कार्य चल रहा है। यह विद्यालय दिव्यांग और सामान्य बच्चों को एक साथ पढ़ने का अवसर प्रदान करेगा। यहां विशेष आवश्यकता वाले छात्रों के लिए आवश्यक तकनीकी और अनुकूलित सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस विद्यालय का मुख्य उद्देश्य सामान्य बच्चों के साथ पढ़ाई के माध्यम से दिव्यांगता के भाव को दूर करना है। इसके अतिरिक्त, ब्रह्मकुंड गुरुद्वारा क्षेत्र में श्रवण बाधित, दृष्टि बाधित और बौद्धिक दिव्यांग बच्चों के लिए 3.19 करोड़ रुपए की लागत से एक आधुनिक बचपन डे केयर सेंटर का निर्माण कार्य जारी है।
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