रामपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम से जुड़े दो पासपोर्ट मामले में आज फिर सुनवाई हुई। यह मामला अब फैसले के लिए सुरक्षित रख लिया गया है। इस पर अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी। अब्दुल्ला आजम के जन्म प्रमाण पत्र और पैनकार्ड मामलों के बाद अब पासपोर्ट मामले में भी जल्द फैसला आने की उम्मीद है। इस मामले में अंतिम बहस पूरी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही अब्दुल्ला की ओर से दाखिल एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज कर चुका है। यह मामला भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने दर्ज कराया था। उन्होंने सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें अब्दुल्ला पर अलग-अलग जन्मतिथि से दो पासपोर्ट बनवाने का आरोप लगाया गया है। प्राथमिकी के अनुसार, झूठे और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाए गए और उनका उपयोग भी किया गया। एक पासपोर्ट में अब्दुल्ला की जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज है, जबकि दूसरे में 30 सितंबर 1990 है। इस पासपोर्ट मामले में केवल अब्दुल्ला को ही आरोपी बनाया गया है। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में जारी है। अब्दुल्ला आजम पर अलग-अलग जन्मतिथि से दो जन्म प्रमाण पत्र, दो पैनकार्ड और दो पासपोर्ट बनवाने के आरोप हैं। इन तीनों मामलों में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जो सभी भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने ही कराई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की उस याचिका को पहले ही खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की थी। एफआईआर में आरोप है कि अब्दुल्ला आजम ने पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। एक पासपोर्ट में उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 बताई गई, जबकि उनके स्कूल रिकॉर्ड के अनुसार वास्तविक जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 है। इस मामले में आरोप 9 सितंबर 2021 को तय किए जा चुके हैं।
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