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अखिलेश को नहीं मिली अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस मनाने की अनुमति:लखनऊ के IGP में होना था प्रोग्राम, फीस भी जमा थी; पुलिस ने अप्रूव नहीं किया

डॉ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि सभा के लिए अखिलेश यादव को लखनऊ पुलिस की अनुमति नहीं मिली। यह सभा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित की जानी थी। गुरुवार शाम तक पुलिस की मंजूरी न मिलने के बाद सभा पर लगभग रोक लग गई है। इसी को लेकर सपा प्रदेश मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता शुक्रवार को बुलाई गई है। पार्टी नेताओं ने सरकार पर दलित समाज की आवाज दबाने और राजनीतिक कार्यक्रम रोकने का आरोप लगाया है। सपा के नेताओं का कहना है कि 6 दिसंबर के कार्यक्रम के लिए जुपिटर हॉल को फीस जमा करके रिजर्व करा लिया गया था। अब ऐनवक्त पर बताया जा रहा है कि तिथि बदल दी गई है। और तो और, अनुमति प्रक्रिया भी पूरी नहीं की गई। सपा मुख्यालय में अहम प्रेसवार्ता समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में दोपहर 12 बजे आयोजित प्रेसवार्ता में प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल, लोकसभा सांसद आरके चौधरी, राष्ट्रीय सचिव एवं मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी और अंबेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती शामिल होंगे। फिलहाल नेताओं ने बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को रोकना भाजपा सरकार की दलित विरोधी मानसिकता का उदाहरण है। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के जुपिटर हॉल का आरक्षण मंजूर थी लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा जारी पत्र के अनुसार समाजवादी पार्टी से जुड़े आयोजक गौरव कुमार ने 6 दिसंबर 2025 को जुपिटर हॉल (1500 क्षमता) के लिए 4,36,390 रुपए का शुल्क जमा कर हॉल बुक कराया था। सक्षम अधिकारी की मंजूरी 30 सितंबर को दे दी गई थी। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 5.0 के चलते 19 से 30 नवंबर तक सभी पूर्व आरक्षण रद्द कर दिए गए, जिसके बाद सपा आयोजकों ने 6 दिसंबर की नई तिथि मांगी। इसके बावजूद कार्यक्रम की अंतिम मंजूरी के लिए आवश्यक पुलिस अनुमति गुरुवार की शाम तक नहीं मिली, जिससे आयोजन ठप पड़ गया। लखनऊ पुलिस ने दी मंजूरी से इनकार, सपा ने जताया विरोध गुरुवार को लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने कार्यक्रम को अनुमति देने से इनकार कर दिया। पुलिस की ओर से कारण स्पष्ट नहीं किया गया, लेकिन सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण को लेकर अप्रत्यक्ष रूप से चिह्नित मुद्दों की ओर संकेत किया गया। इस रोक के बाद सपा नेताओं ने सरकार पर मनमानी और राजनीतिक बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया। दलित समाज को जोड़ने की रणनीति, 2024 की जीत का हवाला अंबेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय महासचिव रामबाबू सुदर्शन के अनुसार सपा बाबा साहेब आंबेडकर वाहिनी का गठन दलित एवं वंचित समाज को बड़े पैमाने पर जोड़ने के उद्देश्य से किया गया था।उनका कहना था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को दलित मतदाताओं से अभूतपूर्व समर्थन मिला, जिसका नतीजा 39 सीटों की ऐतिहासिक जीत के रूप में सामने आया।सपा इस समर्थन को मजबूत करते हुए 2027 के विधानसभा चुनाव में दलित समाज की निर्णायक भूमिका सुनिश्चित करना चाहती है। श्रद्धांजलि सभा में अखिलेश यादव होने थे मुख्य अतिथि 6 दिसंबर को आयोजित होने वाली श्रद्धांजलि सभा में सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों से दलित समाज के प्रमुख नेता, पूर्व एवं वर्तमान सांसद-विधायक और राष्ट्रीय पदाधिकारी बड़ी संख्या में शामिल होने वाले थे। अध्यक्षता अंबेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती को करनी थी।


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