वैश्विक स्तर पर कैंसर और हृदय रोग सबसे बड़ा कारण है। भारत में हर साल लाखों की संख्या में लोगों की मौत समय पर जरूरी अंग न मिल पाने की वजह से भी हो जाती है। हालांकि इस दिशा में कई व्यापक प्रयास और जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं। जिसकी वजह से अंगदान के लिए अधिक से अधिक लोग आगे आएं और जरूरतमंदों को समय पर अंग मिल सकें। वहीं इससे संबंधित एक हालिया रिपोर्ट काफी राहत देने वाली है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया में सबसे ज्यादा संख्या में लिवर प्रत्यारोपण करने वाला देश बन गया है। यह जानकारी लिवर ट्रांसप्लांटेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया की तरफ से दी गई है।
बड़ी संख्या में मौतें
मेडिकल रिपोर्ट्स पर एक नजर डालें तो यह पता चलता है कि भारत में हर साल प्रत्यारोपण के लिए जरूरी अंगों की कमी की वजह से करीब 5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। हर दिन कम से कम 15 लोगों की मौतों की एक वजह अंगों की कमी होना है। बड़ी संख्या में लोगों की मौत लिवर फेलियर और समय पर लिवर ट्रांसप्लांट न होने की वजह से भी हो जाती है। हालांकि भारत ने इसमें काफी ज्यादा सुधार किया है। जहां पर हर साल करीब 30,000 मरीजों को लिवर ट्रांसप्लांट से बचाया जा सकता है, वहीं यह सिर्फ 1,800 को ही मिल पाता है।
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लिवर ट्रांसप्लांटेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने कहा कि भारत का लिवर ट्रांसप्लांट इकोसिस्टम विज्ञान, मानवता, नैतिकता के बीच पूर्ण सामंजस्य का प्रतिनिधित्व करता है। भारतीय मॉडल दुनिया के लिए लिविंग डोनर लिवर प्रत्यारोपण का एक स्वर्णिम मानक बन गया है।
कब पड़ती है लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत
अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत कब होती है। साथ ही पहले से ही क्या उपाय किए जाएं कि भविष्य में इस तरह की कोई नौबत न आने पाए।
लिवर ट्रांसप्लांट एक ऐसी सर्जरी है, जिसमें फेल हो चुके या फिर ठीक से काम न कर रहे लिवर को निकाल दिया जाता है। उसकी जगह किसी डोनर लिवर को लगाया जाता है। इससे व्यक्ति की जान बच सकती है।
क्योंकि लिवर शरीर का एक अहम अंग है, जोकि कई जरूरी काम जैसे दवाइयों, न्यूट्रिएंट्स और हॉर्मोन को प्रोसेस करने, खून को साफ करने, बाइल बनाने और भोजन को पचाने में सहायता करता है। इसलिए डोनर लिवर को लगाने से यह सारे काम फिर से सही तरीके से होने लग जाते हैं।
लिवर फेलियर और इसकी वजह
एक्सपर्ट की मानें, तो आमतौर पर लिवर ट्रांसप्लांट उन लोगों के लिए एक इलाज का तरीका होता है। जिनको आखिरी स्टेज की क्रॉनिक लिवर डिजीज है। लिवर ट्रांसप्लांट उन दुर्लभ मामलों में किया जाता है, जब किसी व्यक्ति का लिवर सामान्य तौर पर काम नहीं कर रहा होता है। परेशानी की बात यह है कि लिवर ट्रांसप्लांट के लिए इंतजार लोगों की संख्या, उपलब्ध डोनर लिवर की संख्या से अधिक है।
हेपेटाइटिस बी और सी जैसे संक्रमण और एल्कोहॉलिक लिवर डिजीज, जिसमें अधिक शराब पीने से लिवर को नुकसान होता है। वहीं लिवर की अन्य गंभीर बीमारियों की वजह लिवर फेलियर का खतरा अधिक रहता है। इसमें भी लिवर ट्रांसप्लांट करने की जरूरत हो सकती है।
इन समस्याओं से करें बचाव
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक पहले से ही कुछ जरूरी उपाय करने से आप लिवर को हेल्दी और फिट रख सकते हैं।
लिवर को हेल्दी रखने के लिए फल, सब्जियों और लीन प्रोटीन से भरपूर संतुलित डाइट लें। अनहेल्दी फैट, चीनी और प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करना चाहिए। इसके अलावा वेट कंट्रोल करने, नियमित व्यायाम करने और शराब से दूरी बनाकर आप अपने लिवर को बीमारियों से बचे रह सकते हैं। लिवर ट्रांसप्लांट जैसे जटिलताओं से भी अपना बचाव कर सकते हैं।
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