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Health Tips: दांत का दर्द बन रहा है सिरदर्द, ये सस्ता और असरदार आयुर्वेदिक उपाय देगा राहत, जानिए कैसे

कई बार दांत का दर्द इतना भयंकर होता है कि यह बर्दाश्त से बाहर हो जाता है। दांत का दर्द अचानक शुरू होता है और कई बार रात के समय इतना बढ़ जाता है कि नींद तक उड़ जाती है। ऐसे में दांत दर्द होने पर हम फौरन महंगी पेनकिलर खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी रसोई में मौजूद कुछ चीजें इस दर्द को पलक झपकते कम कर सकते हैं।
 
आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको एक ऐसा नुस्खा बताने जा रहे हैं, जो आयुर्वेदिक है। यह नुस्खा बिना किसी साइड इफेक्ट्स के आपको मिनटों में राहत दे सकता है। इस नुस्खे के लिए आपको सिर्फ 5 रुपए खर्च करने होंगे। यह नुस्खा किसी भी पेनकिलर से कई गुना तेजी से असर करता है। तो आइए जानते हैं इस नुस्खे के बारे में…

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सामग्री

काली मिर्च- एक चुटकी
लौंग का पाउडर- एक चुटकी (या एक पिसी हुई लौंग)
सरसों का तेल- कुछ बूंदें

बनाएं यह असरदार पेस्ट

एक कटोरी में काली मिर्च और लौंग पाउडर डालें।
अब इसमें 3-4 बूंद सरसों का तेल मिलाएं।
इन तीनों को अच्छे से मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें।
फिर इस पेस्ट को हल्के हाथों से दर्द वाले दांत या मसूड़ों के आसपास धीरे-धीरे लगाएं।
इस पेस्ट को 2 मिनट तक लगा रहने दें और फिर गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें।
इस पेस्ट को निगलना नहीं है और आपको 20 मिनट में आराम मिल जाएगा।

ऐसे काम करता है यह पेस्‍ट

बता दें कि यह पावरफुल पेस्ट दर्द को नेचुरली कम करता है और इंफेक्शन से भी लड़ता है। यह तीनों चीजें मिलकर नेचुरल मल्टी-एक्शन फॉर्मूला बनाती है।
लौंग का पाउडर यूजेनॉल से भरपूर होता है और यह एक पॉवरफुल एनेस्थेटिक है। यह दर्द वाले हिस्से को सुन्न करता है और सूजन को भी कम करता है।
काली मिर्च में पिपेरिन नामक तत्व पाया जाता है। यह नेचुरल पेनकिलर है। यह मसूड़ों में बल्ड सर्कुलेशन को बढ़ाने के साथ दर्द के सिग्नल ब्रेन तक कम पहुंचते हैं।
सरसों के तेल में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है। लौंग और काली मिर्च के गुण मसूड़ों की गहराई तक ले जाता है। इसमें मौजूद गुण बैक्टीरिया और इंफेक्शन से लड़कर दर्द को कम करता है।

यहां जानिए पेस्‍ट के अन्‍य फायदे

सरसों के तेल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होता है। यह सूजन को कम करता है और दांतों को मजबूत बनाता है।
काली मिर्च में पिपेरिन पाया जाता है, जो मसूड़ों के टिश्यू में बल्ड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। इससे दांतों की जड़ें मजबूत होती है और दर्द में भी राहत मिलती है।
लौंग और सरसों के तेल का कॉम्बिनेशन मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को कम करने का काम करता है, इससे मुंह की बदबू और इंफेक्शन दोनों कम होते हैं।
यह पेस्ट नेचुरल एंटी सेप्टिक की तरह काम करता है। यह दांतों की सतह को साफ करने के साथ मसूड़ों में फंसे बैक्टीरिया को नष्ट करता है।
 
सरसों के तेल और लौंग के यूजेनॉल तत्व गुण दांतों पर बनने वाले प्लाक को कम करता है और कैविटी से भी बचाव करता है।
अगर ब्रश करने के दौरान आपके दांतों से ब्लड आता है, तो यह नुस्खा आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है। यह नुस्खा इंफेक्शन और सूजन को शांत करने के साथ मसूड़ों को हेल्दी बनाता है।
यह पेस्ट एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भरपूर है, जोकि लंबे समय तक आपको ताजगी का एहसास दिलाता है।
सरसों के तेल और काली मिर्च का यह पेस्ट हल्का एक्सफोलिएटिंग असर देता है। यह नुस्खा दांतों के पीलेपन को कम करने नेचुरली सफेद बनाता है।
लौंग दर्द को दूर करने और सरसों के तेल का गर्माहट भरा असर मिलकर नसों को शांत करता है और दांत दर्द को दूर करता है।

पेनकिलर से पहले इसको आजमाएं

अगर अगली बार दांत दर्द हो तो आप पेनकिलर की जगह इस आयुर्वेदिक नुस्खे को आजमाएं। यह नुस्खा आपको इंस्टेंट रिलीफ देगा और ओरल हेल्थ भी अच्छा रखेगा। इससे आपके दांत और मसूड़े अंदर से मजबूत होंगे। इस बात का ध्यान रखें कि यह नुस्खा अस्थायी राहत देता है। अगर बार-बार दर्द हो रहा है या तेज दर्द हो रहा है। तो असली वजह पता लगाने के लिए आपको डेंटिस्ट के पास जाना चाहिए।


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