वाराणसी जिला पुलिस ने काशी तमिल संगमम् के चौथे संस्करण के लिए नयी पीढ़ी के ड्रोन का एक उन्नत बेड़ा तैनात करके निगरानी बढ़ा दी है।
वाराणसी आयुक्तालय के पुलिस उपायुक्त सरवणन थंगमणि के अनुसार, 10 सदस्यों वाली एक समर्पित ड्रोन टीम कार्यक्रम स्थल पर आने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम नयी पीढ़ी के ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले साल भी ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था लेकिन वह बहुत कम था। हम तीन तरह के ड्रोन इस्तेमाल कर रहे हैं- ‘मिनी ड्रोन’, ‘माइक्रो ड्रोन’ और ‘नैनो ड्रोन’।’’
उन्होंने ड्रोन बेड़े की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ‘मिनी ड्रोन’ अद्वितीय है क्योंकि यह स्वयं चार्ज हो जाता है और यह अन्य बैटरी-आधारित मॉडल के विपरीत चौबीस घंटे काम कर सकता है।
उन्होंने बताया, ‘‘यह ड्रोन चौबीस घंटे चालू रहने और किसी भी क्षेत्र में निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने में सक्षम है।’’
अधिकारी ने ‘माइक्रो ड्रोन’ के बारे में बताया कि यह दो किलोमीटर के विशाल क्षेत्र की निगरानी करने में सक्षम है।
काशी तमिल संगमम् कार्यक्रम के नोडल अधिकारी सरवणन ने कहा, ‘‘यह एक बड़े क्षेत्र को कवर कर सकता है और इसका उपयोग नमो घाट के पीछे के जंगल में किया जाएगा।’
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नमो घाट वह क्षेत्र है जहां दो दिसंबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी ‘तमिल संगमम् 4.0’ का उद्घाटन किया था।
तीसरे प्रकार के ड्रोन ‘नैनो ड्रोन’ हैं जो संदिग्ध गतिविधियों की तस्वीरें एकत्र कर सकते हैं।
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि अगर कोई कार किसी इलाके में असामान्य रूप से लंबे समय तक खड़ी रहती है तो यह ड्रोन उस वाहन को स्कैन करता है और पुलिस को उसकी तस्वीर मुहैया कराता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस ड्रोन की खीचीं तस्वीरों के आधार पर कार्रवाई करते हैं।’’
सरवणन ने बताया कि तीनों प्रकार के ड्रोन (मिनी, माइक्रो और नैनो) द्वारा उपलब्ध कराए गए निगरानी डेटा कोआवश्यक कार्रवाई के लिए तुरंत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ साझा किया जाता है।
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