बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल PMCH में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। अस्पताल में ओपीडी और इमरजेंसी सेवा दोनों ठप कर दी गई हैं। इससे इलाज कराने पहुंचे मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्थिति ऐसी बनी कि 2 हजार से अधिक मरीज बिना इलाज लौट गए। 100 नए मरीजों को एडमिट नहीं किया जा सका। हड़ताल की वजह जूनियर डॉक्टर्स और मरीज के परिजनों के बीच हुई मारपीट है। दरअसल, बुधवार सुबह 70 साल के सुरेश सिंह की मौत के बाद हंगामा हुआ। मौत की जानकारी देने के बाद परिजन भड़क गए। मेडिसिन इमरजेंसी में डॉक्टरों से मारपीट हुई। इसके बाद जूनियर डॉक्टर OPD सेवा ठप कर हड़ताल पर चले गए। दूसरी ओर मृतक के बेटे अमन सिंह, उनकी बहन और रिश्तेदार से भी मारपीट की बात सामने आई है। आरोप है कि डॉक्टरों ने हेलमेट, लाठी-डंडे और स्टिक से हमला किया। दोनों पक्षों ने थाने में शिकायत दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि सुरक्षा नहीं होने से बार-बार ऐसे मामले हो रहे हैं। 3 दिन पहले मरीज हुआ था भर्ती, लापरवाही के आरोप जिस मरीज के परिजनों के साथ डॉक्टरों की मारपीट हुई, उन्होंने डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सुल्तानगंज महेंद्रू के रहने वाले शिकायतकर्ता अमन सिंह ने बताया, ’30 नवंबर को पिता सुरेश सिंह को ब्रेन हेमरेज हुआ था। 3 दिन पहले यानी रविवार को PMCH में भर्ती कराया था। उनकी कंडीशन पहले से खराब हो गई। उनकी ईसीजी हुई। फिर बुधवार सुबह उनकी डेथ हो गई।’ अमन सिंह ने बताया कि, ‘मेरी बहन आई तो पिता जी की बॉडी उसे गरम लगी तो उसने डॉक्टर से रिक्वेस्ट की। सर, एक बार और देख लीजिए ना, बॉडी गरम लग रही है अभी। इसी बात पर डॉक्टर भड़क गए और कहने लगा कि डॉक्टर हम हैं कि तुम लोग हो। तुम पागल हो क्या। मेरी बहन बोली कि आप लोग ऐसे कैसे बोल सकते हैं। इस पर डॉक्टर ने मेरी बहन के हाथ पर मारा, जो वीडियो मेरे मोबाइल में रिकॉर्ड है।’ पीड़ित बोला- मेरे पिता की मौत पर मुझे यह सजा मिली अमन ने आगे बताया, ‘डॉक्टर ने बेवकूफ बोलकर धक्का दे दिया। मेरा आईफोन 16प्रो जिसकी कीमत 1.5 लाख रुपए है, उसे छीन लिया। फिर कहासुनी होने के बाद वे लोग मेरे साथ मारपीट करने लगे। अमन का दावा है कि डॉक्टरों और स्टाफ ने हेलमेट, लाठी-डंडे और स्टिक से हमला किया। उनका सिर फट गया। कपड़े फाड़ दिए गए। अमन ने कहा- मेरे पिता की मौत पर मुझे यह सजा मिली है। इलाज में लापरवाही नहीं हुई, डॉक्टर के साथ अभद्रता की जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि परिजनों ने IGCC, PMCH में ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टरों सहित अन्य डॉक्टरों के साथ हाथापाई की। आरोप है कि परिजन एप्रन फाड़कर मारपीट कर रहे थे, जबकि सुरक्षा गार्ड तमाशा देखते रहे। बाद में बाहर से गार्ड आए और मामला शांत कराया। डॉक्टरों का कहना है कि इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई। मरीज को मैसिव ब्रेन हेमरेज था। मौत की सूचना दे दी गई थी, परिजन मानने को तैयार नहीं थे। डॉक्टरों ने कहा कि बार-बार सुरक्षा मांगने के बावजूद व्यवस्था नहीं सुधारी जाती। जूनियर डॉक्टरों की प्रशासन और सरकार से 3 मांगें घटना के तुरंत बाद पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जेडीए) ने सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल की घोषणा कर दी। डॉक्टरों का कहना है कि बार-बार सुरक्षा की मांग के बावजूद अस्पताल प्रशासन कोई प्रभावी कदम नहीं उठाता, जिससे ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। एसोसिएशन का कहना है कि उनकी 3 मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। दोषियों की गिरफ्तारी पर अड़े जूनियर डॉक्टर्स जेडीए ने स्पष्ट किया है कि जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होती और अस्पताल परिसर में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे। इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं, ओपीडी, इन पेशेंट सेवाएं (IPD) और सभी ऑप्शनल तथा आपातकालीन ऑपरेशन थिएटर (OT) बंद रहेंगे। दोनों पक्षों की ओर से थाने में की गई शिकायत घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने पीड़ित अमन को डॉक्टर के चंगुल से छुड़ाया। पीड़ित की ओर से पीरबहोर थाना के PMCH स्थित TOP में लिखित शिकायत की गई है। पीड़ितों का पटना के अरविंद हॉस्पिटल में मेडिकल कराया गया है। वहीं, पीरबहोर थाने में ही इस घटना को लेकर दूसरे पक्ष की ओर से भी लिखित शिकायत की गई है। जिसके आधार पर केस रजिस्टर्ड कर के पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। थानेदार सज्जाद गद्दी ने बताया कि, PMCH के इमरजेंसी में लड़ाई-झगड़ा का मामला सामने आया है। शिकायत मिली है। मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। दूरदराज से आए मरीजों की बढ़ी परेशानी हड़ताल के कारण इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो गई हैं। हड़ताल के कारण दूरदराज से आए मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में सभी प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो गई हैं, जिससे मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। PMCH में मारपीट की यह नई घटना नहीं PMCH में मारपीट की यह आदतन घटना है। इससे पहले भी गार्ड और मरीजों के बीच मारपीट हुई थी। उससे पहले जूनियर डॉक्टर्स ने एक मरीज को देखने आए जन सुराज नेता मनीष कश्यप को बंधक बनाकर पीटा था। फिर माफीनामा लिखवाकर छोड़ा था।
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