उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा में अब परिवारवाद पर बगावत शुरू हो गई है। पहले ये विरोध केवल पार्टी के संगठन तक ही सीमित था। अब उनके विधायकों ने भी बागी रुख अख्तियार कर लिया है। बाजपट्टी से रालोमो के विधायक रामेश्वर महतो ने सोशल मीडिया पर बिना नाम लिए उपेंद्र कुशवाहा के परिवारवाद पर निशाना साधा है। वहीं कुशवाहा के बेटे और बिहार सरकार मंत्री दीपक प्रकाश ने कहा कि, अगर कुछ दिक्कत है तो बैठकर बात की जा सकती है। अब रामेश्वर महतो ने क्या लिखा वो जानिए उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘राजनीति में सफलता केवल भाषणों से नहीं, बल्कि सच्ची नीयत और दृढ़ नीति से मिलती है। जब नेतृत्व की नीयत धुंधली हो जाए और नीतियां जनहित से अधिक स्वार्थ की दिशा में मुड़ने लगे, तब जनता को ज्यादा दिनों तक भ्रमित नहीं रखा जा सकता है। आज का नागरिक जागरूक है। वह हर कदम, हर निर्णय और हर इरादे को बारीकी से परखता है।’ यह बस मैसेज भर है, निर्णय बाकी है भास्कर रिपोर्टर ने उनसे बात कर पूरे मामले को समझने की कोशिश तो उन्होंने कहा कि ‘मैसेज भर है, सुधार नहीं हुआ तो आगे का निर्णय लिया जाएगा। पार्टी को कोई कार्यकर्ता और नेता बनाता है। इसी के बहाने पार्टी चलती है, लेकिन जब मौका देने की बारी आए तो पार्टी बचाने का हवाला देकर केवल परिवार को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है।’ अब जानिए कौन हैं रामेश्वर महतो RLM से विधायक रामेश्वर महतो जदयू से MLC भी रह चुके हैं। पिछले साल नवंबर को ही इन्होंने जदयू से इस्तीफा दिया था। इसके बाद ये उपेंद्र कुशवाहा से जुड़े थे। इस्तीफा के दौरान इन्होंने कहा था,’कुशवाहा नेताओं के साथ अन्याय हो रहा है। कोई तरजीह नहीं दी जा रही है। नीतीश कुमार जिंदाबाद कहने वाले लोगों को नजर अंदाज किया जाता है। उन्हें अपमानित किया जा रहा है। तब इन्होंने सीतामढ़ी सांसद देवेश चंद्र ठाकुर पर अपमान करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि सामंती सोच के साथ वो राजनीति कर रहे हैं। अपना एकछत्र राज चलाना चाहते हैं। जो कि जेडीयू की विचारधारा से अलग है। कुशवाहा की पार्टी में बगावत की वजह समझिए दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा ने चुनाव बाद आखिरी समय में मास्टर स्ट्रोक चला था। उन्होंने अपने बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री पद की शपथ दिला दी। जबकि दीपक प्रकाश किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। उपेंद्र कुशवाहा पहले से राज्यसभा के सांसद हैं। राजनीति से दूर रहने वाली पत्नी को इस बार सासाराम से विधायक बनवा दिया। यही कारण है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है। बगावत रोकने के लिए पार्टी की हर इकाई को भंग किया था इससे पहले पार्टी के भीतर लगातार बढ़ रहे बगावत को काबू करने के लिए उपेंद्र कुशवाहा ने 30 नवंबर को रालोमो की प्रदेश इकाई, सभी जिला इकाइयों और प्रकोष्ठों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था। कोर कमेटी की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया था। पार्टी को चलाने के लिए पांच सदस्यीय संचालन समिति का गठन भी किया गया है। कुशवाहा बोले- मुझे मालूम नहीं वहीं इस पूरे प्रकरण पर हमने रालोमो मुखिया उपेंद्र कुशवाहा से बात की। भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा कि फिलहाल संसद सत्र चल रहा है और वे दिल्ली में उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है। NDA में सीट शेयरिंग से नाराज थे कुशवाहा चुनाव के दौरान कुशवाहा की बात भाजपा ने क्यों मानी उपेंद्र कुशवाहा कोइरी समाज से आते हैं। बिहार में कोइरी समाज की आबादी 4.2% है। इनका मगध, शाहाबाद, सीवान, भागलपुर-बांका, पूर्णिया, बेतिया-मोतिहारी एरिया की 40 से 45 सीटों पर प्रभाव है।
—————- ये खबर भी पढ़ें भास्कर एनालिसिस- कुशवाहा के बेटे बने मंत्री, भाजपा पर क्यों बढ़ा प्रेशर:नीतीश ने नहीं जताया एतराज, दीपक बोले- मुझे मंत्री क्यों बनाया पापा से पूछिए रिकार्ड 10वीं बार नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेनी थी। मंच पर PM मोदी से लेकर 12 राज्यों के मुख्यमंत्री थे। नीतीश कुमार के बाद 5-5 की संख्या में मंत्री शपथ ले रहे थे। इस बीच जींस और शर्ट पहने एक युवक मंच पर चढ़ा और पद व गोपनीयता की शपथ लेने लगा। इस अनजान चेहरे पर कैमरे से लेकर लोगों तक की नजरें ठहर गई। पूरी खबर पढ़ें
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