केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने घोषणा की कि मेघालय सरकार द्वारा भूमि मुहैया कराए जाने पर राज्य में एक बुनकर सेवा केंद्र (डब्ल्यूएससी) स्थापित किया जाएगा।
सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि वर्तमान में पूर्वोत्तर क्षेत्र में ऐसा केवल एक ही केंद्र है, जो गुवाहाटी में स्थित है।
कपड़ा मंत्री सिंह ने शनिवार को री भोई जिले के नोंगपोह में एकीकृत वस्त्र और पर्यटन केंद्र (आईटीटीसी) का उद्घाटन किया और एकता मेघालय (वस्त्र क्षेत्र में लाभ के लिए प्रदर्शनी एवं ज्ञान साझाकरण) की शुरूआत की। सिंह ने कहा कि यह प्रस्तावित डब्ल्यूएससी पूरे क्षेत्र के बुनकरों को डिजाइन, तकनीकी और बाजार संबंधी सहायता प्रदान करेगा।
कपड़ा मंत्री ने बताया कि आईटीटीसी प्रशिक्षण, डिजाइन विकास, रेशम प्रसंस्करण, उत्पाद विविधीकरण और वस्त्र पर्यटन के लिए एक एकीकृत मंच के रूप में कार्य करेगा और इसकी मदद से कारीगरों को राष्ट्रीय एवं वैश्विक अवसरों तक पहुंचने में भी मदद मिलेगी।
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार बुनाई प्रौद्योगिकियों के आधुनिकीकरण, हथकरघा समूहों को मजबूत करने और प्राकृतिक रेशों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए योजनाएं लागू कर रही है।
सिंह ने पूर्वोत्तर को ‘‘भारत की वस्त्र विरासत का गौरव’’ बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस क्षेत्र में वस्त्र विनिर्माण प्रक्रिया के प्रत्येक क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सिंह ने मुगा रेशम उत्पादन का विस्तार करके किसानों की आय बढ़ाने हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की भी घोषणा की है।
केंद्रीय मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने बताया कि भारत के 52 प्रतिशत हथकरघा पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित हैं। उन्होंने घोषणा की कि सभी कपड़ा मंत्री अगले महीने गुवाहाटी में पूर्वोत्तर-केंद्रित कपड़ा एजेंडे पर चर्चा के लिए बैठक करेंगे।
इस कार्यक्रम में वस्त्र एवं विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा, राज्य के प्रमुख सचिव (वस्त्र) फ्रेडरिक खार्कोंगोर, मेघालय के कपड़ा मंत्री मेतबाह लिंगदोह भी उपस्थित रहे।
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