किशनगंज के सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की कुलपति प्रो. नईमा खातून से उनके कार्यालय में महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान एएमयू किशनगंज सेंटर के विकास, प्रशासनिक प्रक्रियाओं और परियोजना की प्रगति पर विस्तृत चर्चा हुई। सांसद की लगातार पहल के परिणामस्वरूप, सेंटर के लिए आवश्यक शिक्षण और गैर-शिक्षण फैकल्टी पदों को विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद द्वारा स्वीकृति दे दी गई है। कुलपति प्रो. नईमा खातून ने डॉ. जावेद को बताया कि इन पदों से संबंधित प्रस्तावों को जल्द ही समर्थ पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा, जिससे किशनगंज सेंटर में शैक्षणिक गतिविधियों को गति मिलेगी। बैठक में एएमयू किशनगंज सेंटर के नव-नियुक्त निदेशक प्रो. जब तारिक भी उपस्थित थे। प्रो. तारिक ने इस अवसर पर कहा, “विश्वविद्यालय प्रशासन किशनगंज सेंटर के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। कुलपति महोदया के नेतृत्व में इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से किया पत्र का उल्लेख बैठक के दौरान सांसद डॉ. जावेद ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से प्राप्त एक महत्वपूर्ण पत्र का उल्लेख किया। पत्र में बताया गया है कि एएमयू की ओर से ‘परिवेश 2.0 पोर्टल’ पर पर्यावरणीय अनुमति के लिए अब तक कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। डॉ. जावेद ने स्पष्ट किया कि इस आवेदन के बिना भवन निर्माण और परिसर विकास की स्वीकृतियां प्राप्त नहीं हो सकतीं, जिससे परियोजना की प्रगति बाधित हो रही है।इस पर निदेशक प्रो. तारिक ने तत्काल आश्वासन दिया। क्लियरेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू उन्होंने कहा, “मैं स्वयं इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करूंगा और शीघ्र ही परिवेश 2.0 पोर्टल पर आवेदन पूरा कर आवश्यक क्लियरेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दूंगा।” यह आश्वासन सेंटर के भविष्य के निर्माण कार्यों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बैठक के अंत में, किशनगंज और आसपास के जिलों से आए एएमयू के छात्रों ने सांसद डॉ. जावेद का स्वागत किया। छात्रों ने सेंटर से जुड़ी अपनी चिंताओं, जैसे सुविधाओं की कमी, शैक्षणिक संसाधनों और भविष्य की योजनाओं पर अपने सुझाव साझा किए। सांसद ने छात्रों को दिलाया भरोसा सांसद डॉ. जावेद ने छात्रों को भरोसा दिलाया कि उनके मुद्दों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, “केंद्र के शीघ्र विकास और शैक्षणिक संचालन के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। छात्रों की आवाज हमारी प्राथमिकता है।” यह बैठक एएमयू किशनगंज सेंटर के लिए एक सकारात्मक मोड़ साबित हो रही है, जो बिहार के इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा के प्रसार को मजबूत करेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन और स्थानीय प्रतिनिधियों के समन्वय से अब सेंटर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की उम्मीद है।
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