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950 रुपए के बीज से कमाए 3 लाख:सहरसा में यूट्यूब से सीखकर बंजर जमीन पर की अरहर की खेती

सहरसा के पतरघट प्रखंड के तिलाठी गांव के किसान अमरेंद्र कुमार यादव (45) ने यूट्यूब से अरहर दाल की उन्नत खेती का तरीका सीखा। उन्होंने मात्र 950 रुपए के बीज से तीन लाख रुपए की कमाई की है। मत्स्य विभाग ने उन्हें जिले के सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार से सम्मानित किया है। अमरेंद्र कुमार यादव के अनुसार, उनकी जमीन कई सालों से बंजर पड़ी थी और इसे खेती के लिए अनुपयुक्त माना जाता था। इसके बावजूद, उन्होंने इस भूमि पर अरहर की खेती करने का निर्णय लिया। वैज्ञानिक खेती, उन्नत किस्मों और देखभाल के तरीकों का अध्ययन किया उन्होंने यूट्यूब के माध्यम से अरहर की वैज्ञानिक खेती, उन्नत किस्मों और देखभाल के तरीकों का अध्ययन किया। इसके बाद, उन्होंने मध्य प्रदेश से 950 रुपए में एक किलोग्राम उच्च गुणवत्ता वाले अरहर के बीज ऑनलाइन मंगवाए। बीज बोने के बाद, अमरेंद्र ने पौधों की सिंचाई, निराई-गुड़ाई और देखभाल में पूरा ध्यान दिया। उन्होंने बताया कि अरहर की खेती में सामान्य लागत आती है। लगभग एक साल की मेहनत के बाद, दो एकड़ में बोई गई फसल से 30 क्विंटल अरहर का उत्पादन हुआ। बाजार में अरहर दाल के अच्छे दाम मिलने से उन्हें लगभग 3 लाख रुपए की आय हुई। सफलता से आसपास के अन्य किसान भी प्रेरित हो रहे अमरेंद्र का दावा है कि सहरसा जिले में संभवतः यह पहली बार है जब इतने बड़े पैमाने पर अरहर की खेती सफलतापूर्वक की गई है। उनकी सफलता से आसपास के अन्य किसान भी प्रेरित हो रहे हैं। अरहर का पौधा एक बार बोने पर 3 साल तक देता है उत्पादन उन्होंने बताया कि अरहर का पौधा एक बार बोने पर तीन साल तक उत्पादन देता है, जिससे हर साल बीज खरीदने की आवश्यकता नहीं होती। यह फसल कम उपजाऊ और बंजर भूमि के लिए उपयुक्त मानी जाती है और इसे अधिक पानी की भी आवश्यकता नहीं होती। अमरेंद्र की यह सफलता दर्शाती है कि यदि खेती में आधुनिक जानकारी, वैज्ञानिक तरीके और नई सोच का उपयोग किया जाए, तो कम लागत में भी अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है।


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