DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

’52 कोठरी-53 द्वार’ हमल खंडहर में तब्दील:250 साल पुराना महल देखरेख के अभाव में जर्जर हो रहा

खगड़िया जिले में बिहार की ऐतिहासिक धरोहर ’52 कोठरी-53 द्वार’ संरक्षण के अभाव में धीरे-धीरे खंडहर में बदल रही है। लगभग 250 वर्ष पुराना यह विशाल महल कभी अपनी भव्यता और अनूठी बनावट के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन अब यह उपेक्षा का शिकार है। राजा बाबू बैरम सिंह ने बनवाया था इस महल का निर्माण राजा बाबू बैरम सिंह ने कराया था। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इसे मुंगेर का किला बनाने वाले प्रसिद्ध कारीगर बरकत खान उर्फ बकास्त मियां ने बनाया था। यह पांच बीघा, पांच कट्ठा, पांच धूर और पांच धुरकी क्षेत्र में फैला हुआ है। बेहतरीन नक्काशी की गई महल के निर्माण में सुरखी-चूना, कत्था, राख और 52 प्रकार की ईंटों का उपयोग किया गया था। दरवाजों, खिड़कियों और दीवारों के अनुपात के अनुसार अलग-अलग आकार की ईंटें इसकी अनूठी इंजीनियरिंग का प्रमाण हैं। यहां माचिस जैसी छोटी ईंट से लेकर दो फीट तक की बड़ी ईंटें पाई जाती हैं। दरवाजे-कोठरी पर आधारित महल का नाम महल के भीतर कुल 52 कोठरियां और 53 द्वार बनाए गए थे, जिसके कारण इसे ’52 कोठरी-53 द्वार’ नाम मिला। क्षेत्र में इसे ‘भरतखंड का पक्का’ भी कहा जाता है। इसकी जटिल संरचना ऐसी थी कि एक बार अंदर प्रवेश करने पर बाहर निकलना मुश्किल माना जाता था। दीवारों पर की गई नक्काशी और चित्रकारी आज भी पर्यटकों को आकर्षित करती है। पहले महल के अंदर का तापमान 10 से 22 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच स्थिर रहता था, जो इसकी उन्नत स्थापत्य कला का प्रमाण है। कभी इसकी तुलना जयपुर के हवा महल से की जाती थी, लेकिन आज यह जर्जर स्थिति में है। इतिहासकारों का मानना है कि यदि इस धरोहर को समय रहते संरक्षित नहीं किया गया, तो आने वाली पीढ़ियां इसके इतिहास से अनजान रह जाएंगी। मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में दिए गए आश्वासनों से लोगों में उम्मीद जगी है कि इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकेगा। स्थानीय लोगों ने क्या कहा स्थानीय लोगों निर्भय मिश्रा, अक्षय मिश्रा आदि का कहना है कि जनप्रतिनिधि हर बार संरक्षण और विकास का वादा तो करते हैं, पर पूरा होने में वर्षों बीत जाते हैं। यह धरोहर आज भी अपनी पहचान बचाने के लिए सरकारी पहल का इंतजार कर रही है। जरूरत है कि सरकार तत्काल कार्रवाई कर इस ऐतिहासिक संपदा को संरक्षित करे, ताकि बिहार की सांस्कृतिक विरासत दुनिया के सामने जीवित रहे।


https://ift.tt/SJnqskZ

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *