भागलपुर| श्रीरामचरितमानस के सभी सात काण्डों, वाल्मीकि रामायण तथा अध्यात्म रामायण के कुछ अंशों को समाहित करते हुए 3606 पदों की एक नई और मंगलमयी रचना ‘श्री राम रस रामायण’ प्रकाशित की गई है। इस महत्वपूर्ण कृति की रचना प्रभु चरणों के दास, आशुतोष सुरेन्द्र (एसएम घोष) ने की है। जिसका एकमात्र उद्देश्य सनातन परिवार के बीच श्रीरामचरितमानस की जानकारी पहुंचाना है। एसएन घोष के अनुसार आज भी अधिकांश सनातन व्यक्ति इस बात से अनभिज्ञ हैं कि श्रीरामचरितमानस में काण्डों का क्रम क्या है, प्रभु राम ने किस काण्ड में कौन सी लीला की, और किन-किन ऋषि-मुनियों से भेंट की? यह पाठक को उन दो अन्य महान ग्रंथों (वाल्मीकि रामायण और अध्यात्म रामायण) के अंशों को भी जानने में मदद करेगी, जो श्रीरामचरितमानस में नहीं हैं। उन्होंने बताया कि यह मंगलमयी और “मूल्य रहित” रचना बाबा बासुकीनाथ की कृपा से पूर्ण हुई है।
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