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13 साल पुराने हत्या मामले में कोर्ट का फैसला:दोषी को उम्रकैद, 10 हजार रुपए जुर्माना भी; पुरानी दुश्मनी ने ली युवक की जान

बेतिया के बलथर थाना क्षेत्र के भौरा गांव में करीब 13 वर्ष पूर्व दुश्मनी को लेकर हुई एक हत्या के मामले में न्यायालय ने बड़ा और अहम फैसला सुनाया है। जिला अपर सत्र न्यायाधीश दशम प्रभाकर दत्त मिश्रा की अदालत ने मुकेश कुमार की पीट-पीटकर हत्या के मामले में नामजद अभियुक्त सुग्रीव पटेल को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही न्यायालय ने दोषी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पुरानी दुश्मनी ने ली युवक की जान सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे लोक अभियोजक राम नगीना प्रसाद ने बताया कि यह मामला 15 जनवरी 2013 का है। उन्होंने कहा कि कांड के सूचक विरेन्द्र प्रसाद और अभियुक्त सुग्रीव पटेल के बीच पहले से ही आपसी तनाव और दुश्मनी चली आ रही थी। आरोप है कि अभियुक्त द्वारा सूचक को लगातार गंभीर परिणाम भुगतने की धमकियां दी जा रही थीं। दिनदहाड़े हुआ हमला, “मारो-मारो” चिल्लाते हुए टूटा आरोपी लोक अभियोजक के अनुसार, 15 जनवरी 2013 को दिन के लगभग तीन बजे सूचक के पुत्र मुकेश कुमार का सामना भौरा गांव में अभियुक्त सुग्रीव पटेल से हो गया। मुकेश को देखते ही अभियुक्त आपा खो बैठा और “मारो-मारो” कहते हुए उस पर हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अभियुक्त ने मुकेश कुमार को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। तब तक पीटा, जब तक हालत नहीं हो गई गंभीर गवाहों ने अदालत में बताया कि सुग्रीव पटेल ने मुकेश कुमार को तब तक पीटा, जब तक उसकी हालत अत्यंत गंभीर नहीं हो गई। आसपास मौजूद लोग जब तक बीच-बचाव करते, तब तक मुकेश बुरी तरह घायल हो चुका था। गंभीर रूप से जख्मी मुकेश को परिजन तत्काल इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद गांव में मची अफरा-तफरी मुकेश कुमार की मौत की खबर फैलते ही भौरा गांव में अफरा-तफरी और तनाव का माहौल बन गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था, वहीं गांव में आक्रोश भी देखा गया। घटना की सूचना मिलते ही बलथर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। फर्दबयान के आधार पर दर्ज हुआ केस पुलिस ने मृतक के पिता विरेन्द्र प्रसाद के फर्दबयान के आधार पर बलथर थाना कांड संख्या 04/2013 दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू की। जांच के क्रम में पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए और अन्य साक्ष्य एकत्र किए। जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित किया। अदालत में चली लंबी सुनवाई मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कई गवाहों और ठोस साक्ष्यों को अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया। लोक अभियोजक ने दलील दी कि यह एक सुनियोजित हमला था, जो पुरानी दुश्मनी के कारण किया गया। वहीं बचाव पक्ष की ओर से भी अभियुक्त को निर्दोष बताने का प्रयास किया गया, लेकिन अभियोजन पक्ष के साक्ष्य और गवाह अधिक मजबूत साबित हुए। हत्या का दोषी पाकर सुनाई उम्रकैद दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और प्रस्तुत साक्ष्यों का गहन अवलोकन करने के बाद जिला अपर सत्र न्यायाधीश दशम प्रभाकर दत्त मिश्रा ने अभियुक्त सुग्रीव पटेल को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का दोषी करार दिया। न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। न्याय से संतुष्ट हुआ पीड़ित परिवार अदालत के इस फैसले के बाद मृतक मुकेश कुमार के परिजनों ने न्याय मिलने की बात कही। करीब 13 वर्षों बाद आए इस फैसले से परिवार को कुछ हद तक राहत मिली है। वहीं क्षेत्र में भी इस निर्णय को कानून और न्याय की जीत के रूप में देखा जा रहा है। सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे लोक अभियोजक राम नगीना प्रसाद ने बताया कि यह मामला 15 जनवरी 2013 का है। उन्होंने कहा कि कांड के सूचक विरेन्द्र प्रसाद और अभियुक्त सुग्रीव पटेल के बीच पहले से ही आपसी तनाव और दुश्मनी चली आ रही थी। आरोप है कि अभियुक्त द्वारा सूचक को लगातार गंभीर परिणाम भुगतने की धमकियां दी जा रही थीं।


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