सुल्तानपुर में धर्मान्तरण के एक मामले में आरोपी राजस्व निरीक्षक हमीद के थाना दिवस में सुनवाई करते दिखने से पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। बल्दीराय तहसील में कार्यरत हमीद पर 21 दिन पहले कोतवाली नगर में धर्मान्तरण का केस दर्ज हुआ था, लेकिन अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। यह मामला ‘मिशन शक्ति’ कार्यक्रमों के बावजूद सामने आया है। पीड़िता अस्मिता अपनी मां अंजलि सिंह और भाई के साथ शहर के सिरवारा रोड पर किराए के कमरे में रहती है। उसकी मां अंजलि, जलीना बानो पत्नी मो. हमीर के यहां झाड़ू-पोछा का काम करती थी। पीड़िता के अनुसार, मां की बीमारी के कारण उसे मो. हमीर, मो. मद्दन, जलीना बानो और उनकी बहुओं नदीरा व साइमा द्वारा पिछले 3-4 महीनों से झाड़ू-पोछा के दौरान जबरन धर्म परिवर्तन के लिए लालच दिया जा रहा था। उस पर इस्लाम धर्म अपनाकर जलीना बानो के बेटे गोलू से शादी करने का दबाव बनाया जा रहा था। जब अस्मिता ने अपनी मां को यह बात बताई और वे शिकायत करने जलीना बानो के घर गईं, तो 1 अक्टूबर 2025 को उन्हें मां-बहन की भद्दी गालियां दी गईं। उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की धमकी दी गई। उनका मोबाइल छीनकर कमरे में बंद कर दिया गया। जलीना बानो ने अपने भाई पूर्व सभासद मो. मद्दन को बुलाया, जो 3-4 अज्ञात साथियों के साथ आए और शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। मो. मद्दन ने पीड़िता की मां को 2-3 थप्पड़ भी मारे। जलीना बानो ने आरोप लगाया कि इन लोगों ने 2 लाख रुपए चुराए हैं और 1 लाख रुपए देने पर ही जान बख्शेंगे। शिकायत न करने का वादा करने और 70 हजार रुपए कर्ज लेकर वापस करने के बाद भी, मो. मद्दन द्वारा लगातार फोन पर धमकियां दी जा रही हैं। राजस्व निरीक्षक पर गंभीर आरोप होने के बावजूद उनका खुलेआम सरकारी कार्य करना, मामले की निष्पक्ष जांच और कार्रवाई को प्रभावित कर सकता है। पुलिस द्वारा अब तक गिरफ्तारी न होने से कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
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