सीवान के रघुनाथपुर प्रखंड के गोपीपतियाव पंचायत के मुखिया राधा कुमार साह की हत्या के विरोध में शुक्रवार को जिला मुखिया संघ के बैनर तले जिले भर के मुखियाओं और स्थानीय लोगों ने जोरदार प्रतिवाद मार्च निकाला। मार्च के बाद शहर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया और जिला पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई तथा पीड़ित परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई। प्रतिवाद मार्च- न्याय की मांग उठाते हुए प्रतिवाद मार्च जिले के जिला परिषद परिसर से शुरू हुआ। बड़ी संख्या में आए मुखियाओं और स्थानीय लोगों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लिए नारेबाजी करते हुए न्याय की मांग की। मार्च शहर के गोपालगंज मोड़ तक पहुंचा, जहां यह एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में तब्दील हो गया। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से अपील की कि हत्या की घटना को गंभीरता से लिया जाए और दोषियों को त्वरित सुनवाई के बाद कठोर सजा दी जाए। मार्च में मौजूद लोगों ने कहा कि अपराधियों को ऐसी सजा मिले जिससे भविष्य में किसी को भी इस प्रकार की घटना करने का साहस न हो। मृतक के परिवार का दर्द और मांग मृतक मुखिया राधा कुमार साह के पिता ने भावुक होकर कहा कि पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उनका दिल इस बात को लेकर दुखी है कि उनके बेटे की हत्या करने वालों को उचित और सख्त सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा,या तो आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए या मुझे भी गोली मार दी जाए। मुझे जान के बदले जान चाहिए। उनके इस बयान ने मौके पर मौजूद लोगों को गहरे रूप से भावुक कर दिया। मुखिया संघ की प्रतिक्रिया और मांगें जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष अजय भास्कर चौहान ने कहा कि राधा साह की हत्या से पूरे जिले में गहरा आक्रोश है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन पीड़ित परिवार अभी न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है। अजय भास्कर ने मांग की कि इस मामले में स्पीडी ट्रायल चलाया जाए और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जाए। साथ ही उन्होंने यह भी आग्रह किया कि मृतक के परिवार को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि उन पर किसी प्रकार का दबाव या धमकी न बनी रहे। धरना और ज्ञापन सौंपना धरना प्रदर्शन के बाद जिला मुखिया संघ की ओर से जिला पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें शामिल थीं। अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। न्याय प्रक्रिया को त्वरित किया जाए। मृतक परिवार को सरकारी सहायता और सुरक्षा प्रदान की जाए। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को सक्रिय कदम उठाने होंगे और ग्रामीण क्षेत्र में कानून व्यवस्था मजबूत करनी होगी। पूरे जिले में आक्रोश और समर्थन मुखिया संघ की यह पहल पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई। लोगों ने कहा कि यह घटना केवल व्यक्तिगत अपराध नहीं है, बल्कि स्थानीय प्रशासन और कानून व्यवस्था के प्रति एक चुनौती भी है। इस घटना ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में डर और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। धरना और मार्च में शामिल लोगों ने जोर देकर कहा कि यदि न्याय नहीं मिला, तो ऐसे विरोध कार्यक्रम और भी बड़े पैमाने पर आयोजित किए जाएंगे।
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