कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सिंध से जुड़ी हालिया टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेतृत्व यह दावा करता है कि पड़ोसी देश कभी भारत का हिस्सा थे, तो यह चर्चा सिर्फ़ सिंध तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए। एएनआई से बात करते हुए अल्वी ने कहा, “सिर्फ़ सिंध ही क्यों? पूरे पाकिस्तान को ही लीजिए। जब आरएसएस प्रमुख बार-बार कहते हैं कि बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान भारत का हिस्सा थे, तो फिर हम सिर्फ़ सिंध की ही बात क्यों करें? सेना को तैनात कीजिए और पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश को भारत में शामिल कीजिए।
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अल्वी की यह टिप्पणी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणी के एक दिन बाद आई है, जिस पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है और कई विपक्षी नेताओं ने प्रतिक्रियाएँ दी हैं। कांग्रेस नेता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके वैचारिक सहयोगियों पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया, जो राष्ट्रीय मुद्दों से ध्यान भटकाते हैं। अल्वी ने आगे कहा कि इस तरह की टिप्पणियाँ क्षेत्र में तनाव बढ़ाती हैं और जनता को गुमराह करती हैं। आर्थिक चुनौतियों, बेरोज़गारी और मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, सत्तारूढ़ दल भावनाओं को भड़काने वाले मुद्दे उठाता रहता है।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी के एक कथन का हवाला देते हुए कहा कि सीमा बदल सकती है और कौन जानता है, कल सिंध फिर से भारत में वापस आ जाए। सिंधी लोगों की मातृभूमि के रूप में जाना जाने वाला सिंध क्षेत्र, भारत की सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यह सिंधु घाटी सभ्यता का केंद्र भी था। 1947 में विभाजन के साथ यह क्षेत्र पाकिस्तान का हिस्सा बन गया।
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