साहित्य आजतक 2025 के तीसरे दिन रविवार को मंचों पर एक साथ कई दिग्गज, कई चर्चित चेहरे और कई यादगार सत्र हुए. भीड़ का जोश अपने चरम पर था और स्टेडियम में बार-बार तालियों की गड़गड़हाट गूंज रही थी. तीन दिनों के आकर्षणों में से एक था कुमार विश्वास का ‘अपने–अपने राम’. साहित्य आजतक के तीसरे दिन उनकी रामकथा का आखिरी सत्र था.
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