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सात समंदर पार से आए लाखों ‘फ्लेमिंगो’ पक्षी:गुजरात में कच्छ का रण हुआ गुलाबी, इस बार रिकॉर्ड 3 लाख पहुंच सकती है इनकी संख्या

गुजरात के कच्छ के रण में ठंड की दस्तक के साथ ही सायबेरिया, ईरान और यूरोप से विदेशी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। ठंड की शुरुआत में ही यहां 1 लाख से अधिक फ्लेमिंगो का जमावड़ा हो चुका है। गुलाबी पंखों वाले फ्लेमिंगों की इस भीड़ से कच्छ का रण का नजारा भी गुलाबी हो गया है। पूर्वी कच्छ वन विभाग के मुख्य अधिकारी आयुष वर्मा ने बताया कि अभी तो इन विदेशी मेहमानों के आगमन का सिलसिला शुरू ही हुई है। दिसंबर के अंत तक इनकी संख्या तीन लाख तक पहुंच सकती है, जो कि पूरे कच्छ का सबसे अनोखा नजारा होगा। कच्छ को कहा जाता है फ्लेमिंगो सिटी
साइबेरिया, ईरान और यूरोप के ठंडे प्रदेशों से फ्लेमिंगो कच्छ के रण में हर साल सर्दियां बिताने आते हैं। इनके साथ पेंटास्टॉर्क, सफेद और गुलाबी रंग के लेसर व ग्रेटर सहित कई विदेशी पक्षी भी आते हैं। इन्हें देखने के लिए विदेशी मेहमान भी कच्छ आते हैं। गुजरात का रण ऑफ कच्छ खासतौर पर फ्लेमिंगो पक्षियों के प्रजनन स्थल के लिए मशहूर है। इसीलिए इसे फ्लेमिंगो सिटी भी कहा जाता है। सर्दियों के दौरान लाखों की संख्या में गुलाबी पंखों वालों फ्लेमिंगो इस दलदली क्षेत्र को गुलाबी रंग से भर देते हैं। कच्छ के रण पहुंचे फ्लेमिंगों की 4 तस्वीरें… वन-विभाग करता है विशेष व्यवस्थाएं
पूर्वी कच्छ वन विभाग के मुख्य अधिकारी आयुष वर्मा ने बताया कि कच्छ के छोटे और बड़े रेगिस्तान, बड़े और छोटे फ्लेमिंगो के लिए एक विशेष स्थान रखते हैं। इनकी संख्या हर साल बढ़ रही है। वन विभाग ने इनके लिए विशेष पहल भी की है। पक्षियों के बड़े पैमाने पर प्रजनन के लिए कच्छ के रेगिस्तान में विशेष सी-आकार के डेजर्ट पॉइंट और लीनियर प्लेटफॉर्म (मिट्टी के तटबंध) भी बनाए गए हैं। इसके अलावा पक्षियों के लिए विशेष रूप से ऊंचे चबूतरे भी बनाए गए हैं। साथ ही मिट्टी की लंबी-लंबी पट्टियां भी बनाई गई हैं, जिससे लाखों की संख्या में भी पक्षी मछलियों का शिकार करते हुए आराम फरमा सकें। साथ ही इन चबूतरों के चलते मिट्टी का कटाव कम होता है और पक्षियों के अंडे सुरक्षित रहते हैं। इसी के चलते फ्लेमिंगों की संख्या में वृद्धि हो रही है। फ्लेमिंगो यहां आते हैं और अपने नए मेहमानों के साथ वापस लौटते हैं। फ्लेमिंगो की खासियत
ग्रेटर फ्लेमिंगो छह प्रजातियों में सबसे लंबा होता है जो 3.9 से 4.7 फीट (1.2 से 1.4 मीटर) तक ऊंचाई का होता है। वजन 3.5 किलोग्राम तक होता है जबकि सबसे छोटी फ्लेमिंगो प्रजाति (लेसर फ्लेमिंगो) की ऊंचाई 2.6 फीट (0.8 मीटर) और वजन 2.5 किलो तक होता है। सामान्यतः फ्लेमिंगो के पंखों का फैलाव 37 इंच (94 सेमी) से लेकर 59 इंच (150 सेमी) तक बड़ा हो सकता है। इनकी गर्दन S आकार में घुमावदार होती है। ———————- गुजरात के ये खबरें भी पढ़ें… गुजरात के गिर में एक साथ दिखे 11 शेर, VIDEO:सफारी पर आए पर्यटकों के सामने से गुजरे एशियाटिक लॉयंस के लिए फेमस गुजरात के गिर नेशनल पार्क में रविवार को एक साथ 11 शेरों का झुंड नजर आया। इसमें तीन शेरनियों के साथ 8 शावक थे। इनका वीडियो नेशनल पार्क में सफारी कर रहे पर्यटकों ने बनाया। अब यह वायरल हो रहा है। पूरी खबर पढ़ें… गुजरात के पेढवाड़ा गांव में घुसा 8 शेरों का झुंड:रातभर गांव की गलियों में टहले, गाय का शिकार किया गुजरात में गिर-सोमनाथ जिले के गांवों में एक बार फिर शेरों की आमद ने दहशत फैला दी है। कोडिनार तालुका के पेढवाड़ा गांव में सोमवार की रात एक साथ 8 शेरों का झुंड घुस आया। सबसे पहले इनमें से एक शेरनी ने सड़क पर बैठे मवेशियों पर हमला किया। पूरी खबर पढ़ें…


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