भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विमलेदु शेखर झा शुक्रवार को सहरसा के लॉर्ड बुद्धा कोशी मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां MBBS 2019 बैच का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि तरनजीत सिंह, अध्यक्ष प्रो. डॉ. कल्याणी सिंह, निदेशक डॉ. शुभम कुमार, प्राचार्य डॉ. अजय कुमार राय, महाप्रबंधक दिवाकर पांडे और प्रशासनिक पदाधिकारी सुधीर कुमार दुबे समेत कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सक और कर्मी मौजूद रहे। 100 छात्रों ने पूरी की मेडिकल पढ़ाई एमबीबीएस 2019 बैच के 100 छात्र-छात्राओं ने अपनी मेडिकल शिक्षा पूरी कर ली है। कॉलेज की अध्यक्ष प्रो. डॉ. कल्याणी सिंह ने बताया कि 100 में से 3 छात्र व्यक्तिगत कारणों से समारोह में शामिल नहीं हो सके। ‘कोविड के कारण पढ़ाई में हुई देरी’ उन्होंने कहा 2019 बैच की पढ़ाई 2024 में समाप्त होनी थी, लेकिन कोविड के कारण सत्र छह माह देर से पूरा हुआ। अब सभी की इंटर्नशिप समाप्त हो चुकी है। वे पूरी तरह डॉक्टर बन चुके हैं प्रैक्टिस कर सकते हैं, कहीं भी काम कर सकते हैं। पीजी की पढ़ाई भी कर सकते हैं। हमारे संस्थान की ओर से उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं। ‘ईमानदारी और सेवा-भाव से कार्य करें’ डॉ. कल्याणी ने विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा कि डॉक्टर के लिए सबसे जरूरी है सहानुभूति। मरीज से प्रेम और समझ के साथ व्यवहार करें। बीमारी में मन की स्थिति बहुत अहम होती है डॉक्टर इसका सबसे बेहतर इलाज कर सकता है। अपना कार्य ईमानदारी और सेवा-भाव से करें, पैसे की होड़ में न पड़ें। सफलता और सम्मान अपने आप मिलेंगे। सीमांचल में चिकित्सा शिक्षा का मजबूत आधार-कुलपति कुलपति डॉ. विमलेदु शेखर झा ने नए डॉक्टरों को बधाई देते हुए कहा कि कोशी और सीमांचल क्षेत्र के लिए यह मेडिकल कॉलेज चिकित्सा शिक्षा का बड़ा केंद्र बन चुका है। यहां प्रशिक्षित 100 नए डॉक्टर अब समाज में अपनी सेवाएं देंगे। यह संस्थान, विश्वविद्यालय, छात्रों और संस्थापकों के लिए सभी के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने चिकित्सा पेशे को नोबल प्रोफेशन बताते हुए कहा कि डॉक्टर का काम मानवता की सेवा है। आर्थिक लाभ से ऊपर उठकर गरीब और जरूरतमंदों का उपचार कर समाज में बड़ा योगदान दें।
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