सहरसा के कहरा प्रखंड में रबी फसल की बुवाई के बीच उर्वरक संकट गहरा गया है। किसानों को समय पर और उचित मूल्य पर खाद नहीं मिल पा रही है, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मोहनपुर, अमरपुर, दिवारी, सिरादयपट्टी, बलहा पट्टी, मुरली बसंतपुर, पड़री, चैनपुर, बरियाही और पटुआहा सहित कई पंचायतों के किसान इस समस्या से जूझ रहे हैं। किसान श्याम सुंदर पंडित, जोगेंद्र यादव समेत अन्य ने आरोप लगाया है कि खुदरा दुकानदार उर्वरक को अपने गोदामों में छिपाकर ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। प्रशासन ने DAP, NPK, यूरिया और पोटाश सहित सभी उर्वरकों की दरें पहले ही निर्धारित कर दी हैं, लेकिन थोक विक्रेताओं और खुदरा दुकानों पर कोई प्रभावी निगरानी या कार्रवाई नहीं हो रही है। इसका सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है। निर्धारित DAP 1,700 से 1,800 रुपए में बेची जा रही ग्रामीण बाजारों में 1,350 रुपए प्रति बोरी निर्धारित DAP 1,700 से 1,800 रुपए में बेची जा रही है। इसी तरह, 266 रुपये प्रति बोरी वाली यूरिया 340 रुपए में मिल रही है। उचित दर पर खाद न मिलने के कारण किसान भटकने को मजबूर हैं और अंततः मनमानी कीमतों पर इसे खरीदने को विवश हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि समय पर खाद न मिलने से बुवाई प्रभावित हो रही है, जिससे भविष्य में उपज पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। खुदरा दुकानों को उर्वरक वितरित किया जाए किसानों ने सुझाव दिया है कि थोक विक्रेताओं के गोदामों से रोस्टर प्रणाली के तहत खुदरा दुकानों को उर्वरक वितरित किया जाए, जिससे कमीशनखोरी और कालाबाजारी पर अंकुश लग सके। हालांकि, अधिकारी फिलहाल खाद आपूर्ति की मांग का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से बचते दिख रहे हैं। ऊंचे दामों पर उर्वरक बेचने वालों की जांच शुरू की जाएगी इधर, जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर ऊंचे दामों पर उर्वरक बेचने वालों की जांच शुरू की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि थोक विक्रेता खुदरा दुकानों को बिल जारी करते हैं, इसलिए मनमाने दाम पर खाद बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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