हेल्थ रिपोर्टर|मधुबनी बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड, पटना के अधीन संचालित सभी संस्कृत विद्यालयों में आगामी 1 दिसंबर को गीता जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी। इस अवसर पर छात्रों और शिक्षकों की सहभागिता के साथ विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा ने इस संबंध में सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि गीता जयंती भारतीय ज्ञान–परंपरा, अध्यात्म और नैतिक मूल्यों का महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे संस्कृत संस्थानों में विशेष रूप से मनाया जाना चाहिए। निर्देशानुसार सभी विद्यालयों में इस दिन भगवद्गीता के चयनित श्लोकों का सामूहिक पारायण कराया जाएगा। छात्र–छात्राएँ, आचार्य और कर्मचारी मिलकर गीता अध्यायों का पाठ करेंगे। इसके साथ ही गीता के दार्शनिक, नैतिक और जीवनोपयोगी संदेशों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें कर्मयोग, ज्ञानयोग, भक्तियोग जैसे सिद्धांतों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला जाएगा। बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि एक जीवन-दर्शन और मार्गदर्शन देने वाला अद्वितीय ग्रंथ है। विद्यालयों में ऐसे कार्यक्रम आयोजित होने से विद्यार्थियों में संस्कृत भाषा, भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिक चेतना और नैतिक मूल्यों के प्रति रुचि बढ़ती है। उन्होंने सभी प्रधानाध्यापकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि कार्यक्रम शालीन, शैक्षणिक और प्रेरणादायक हो व अधिक से अधिक छात्रों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। कार्यक्रम के प्रतिवेदन एवं फोटो बोर्ड को भेजने का भी निर्देश दिया गया है। साथ ही गीता पारायण कार्यक्रम को विभिन्न सोशल मीडिया साइड पर भी प्रसारित करना होगा।
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