हिमाचल की राजधानी शिमला स्थित मशहूर जाखू मंदिर में जल्द ही भव्य बदलाव देखने को मिलेंगे। हनुमान मंदिर न्यास समिति जाखू की सोमवार को हुई मीटिंग मंदिर के गर्भगृह के आसपास चांदी की नक्काशी करने का फैसला लिया गया। इस पूरी नक्काशी का खर्च एक दानकर्ता द्वारा वहन किया जाएगा, जिसने खुद आगे बढ़कर यह प्रस्ताव दिया है। डीसी शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में न्यास ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। चांदी की नक्काशी का डिज़ाइन एसडीएम, न्यास सदस्य और जिला भाषा अधिकारी मिलकर तय करेंगे, ताकि मंदिर की पारंपरिक शैली और धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए काम किया जा सके। 5.67 करोड़ का मास्टर प्लान मंजूर इस मीटिंग में मंदिर परिसर के विकास से जुड़े विशाल मास्टर प्लान को मंजूरी दी गई। हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार इस प्लान पर 5 करोड़ 67 लाख रुपए की अनुमानित लागत आएगी। इससे जाखू मंदिर में यज्ञशाला का निर्माण, शू हाउस, नए शौचालय ब्लॉक, दुकानें, शेड और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएगी। मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट इसी सप्ताह शुरू करने के निर्देश न्यास समिति की मीटिंग में मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट के बनाने की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी रखी गई। वेबसाइट लगभग तैयार है और इसे एक सप्ताह के भीतर लाइव करने के निर्देश दिए गए। 2,500 मीटर ऊंचाई पर हनुमान का पुरातन धाम जाखू मंदिर शिमला शहर की सबसे ऊंची हिल समुद्र तल से 2455 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मान्यता है कि लंका युद्ध के दौरान जब लक्ष्मण बेहोश हो गए थे, तो संजीवनी बूटी लाने के लिए हनुमान इसी रास्ते से हिमालय की ओर आए। रास्ते में वे जाखू पर्वत पर रुके थे। यहीं ऋषि याकू के साथ उनका संवाद हुआ। ऐसा कहा जाता है कि पर्वत पर चलते समय उनका पैर जिस स्थान पर पड़ा, उसी जगह यह मंदिर बना। क्यों मशहूर है जाखू मंदिर? जाखू मंदिर केवल धार्मिक कारणों से ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक सुंदरता और स्थापत्य की वजह से भी प्रसिद्ध है। इसकी खास बातें- 1. जाखू में सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमा- जाखू में दुनिया की सबसे ऊंची (108 फीट) हनुमान प्रतिमा में स्थापित है, जो दूर-दूर से दिखाई देती है। यह शिमला की पहचान बन चुकी है। 2. अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता जाखू- जाखू मंदिर से शिमला के बादलों से घिरे नजारे, सूर्योदय और सूरज ढलने के दृश्य बेहद मनमोहक हैं। यही वजह है कि शिमला आने वाले टूरिस्ट जाखू जाना नहीं भूलते। 3. धार्मिक आस्था का बड़ा केंद्र- हर साल हजारों श्रद्धालु और पर्यटक यहाँ दर्शन के लिए आते हैं। विशेषकर मंगलवार और शनिवार को यह भीड़ चरम पर रहती है।
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