राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में 52 में से 48 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की बहाली तो हो गई, लेकिन चार विषय—इतिहास, कॉमर्स, बॉटनी और जूलॉजी—में बहाली नहीं हो पाई। कारण यह है कि इन विषयों का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। इन विषयों के अभ्यर्थियों ने अपनी दावेदारी पेश करते हुए अदालत में मामला दायर किया था। अब फैसले तक इन विषयों का इंटरव्यू नहीं होगा। इतिहास और कॉमर्स की स्क्रीनिंग पहले ही हो चुकी है और दोनों की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। बॉटनी और जूलॉजी की भी स्क्रीनिंग हो गई है, लेकिन इनकी सुनवाई की प्रतीक्षा है। विश्वविद्यालय आयोग ने सितंबर 2020 में 52 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए रिक्तियां निकाली थीं। उस समय 4638 पदों पर बहाली होनी थी। लेकिन विज्ञापन में आरक्षण रोस्टर के सही पालन न होने के मामले में हाईकोर्ट ने फरवरी 2023 में रोस्टर पुनः तैयार करने का आदेश दिया। इसके आधार पर शिक्षा विभाग ने संशोधित रोस्टर आयोग को उपलब्ध कराया। तब तक 27 विषयों में बहाली पूरी हो चुकी थी। रोस्टर संशोधन के बाद 4108 पदों पर बहाली की प्रक्रिया शुरू की गई। वर्ष 2025 की शुरुआत में आयोग ने कहा था कि दिसंबर तक सभी विषयों की बहाली पूरी कर ली जाएगी। बायोटेक्नोलॉजी वालों का बॉटनी–जूलॉजी में दावा बॉटनी और जूलॉजी की प्रक्रिया बायोटेक्नोलॉजी के अभ्यर्थियों की आपत्ति के कारण अटकी हुई है। अभ्यर्थियों ने दावा किया है कि उन्हें एलायड विषय के रूप में इन दोनों विषयों के इंटरव्यू में शामिल किया जाए। एलायड विषयों की मान्यता को लेकर आयोग की विशेषज्ञ समिति में शामिल टीएमबीयू के पीजी बॉटनी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एच. के. चौरसिया ने बताया कि बायोटेक्नोलॉजी अभ्यर्थियों ने इस संबंध में कोर्ट में केस कर रखा है। उन्होंने तीन दिन पहले आयोग से जानकारी ली तो पता चला कि इंटरव्यू को लेकर अब तक कोई तैयारी नहीं है। इंटरव्यू में शामिल करने के लिए कोर्ट गए अभ्यर्थी इतिहास और कॉमर्स के कई अभ्यर्थी इंटरव्यू में शामिल किए जाने की मांग को लेकर कोर्ट में अपील कर चुके हैं। भू́स्टा के पूर्व अध्यक्ष और इतिहास के शिक्षक डॉ. डी. एन. राय ने बताया कि मामले की अंतिम सुनवाई 3 दिसंबर को होगी। कोर्ट का फैसला आने के बाद आगे की प्रक्रिया तय होगी। टीएमबीयू में कॉमर्स के पूर्व डीन डॉ. पवन कुमार सिन्हा ने कहा कि कॉमर्स मामले की सुनवाई 24 नवंबर को होनी थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। कुल पद व संशोधन के बाद रिक्तियां 3. बैकलॉग रिक्तियां श्रेणीरिक्ति . नियमित रिक्तियां श्रेणीरिक्ति
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