उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद की विधायक पूजा पाल को आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के एक पुराने मामले में जमानत मिल गई है। कैमूर में अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय के सीजेएम प्रथम की अदालत ने उन्हें यह राहत दी। यह मामला वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव के दौरान दर्ज किया गया था। विधायक के अधिवक्ता नागेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि चुनाव प्रचार थमने के बाद पूजा पाल दुर्गावती थाना क्षेत्र के एक गांव में आयोजित यज्ञ में शामिल होने गई थीं। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब वह वापस लौट रही थीं, तो यह घटना हुई। प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी इसी दौरान रामगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम भारतीय महाविद्यालय के समीप कुछ राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने उनकी गाड़ी रोक ली। उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपने समुदाय के लोगों से किसी विशेष प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने की अपील की, जिसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना गया। विरोध कर रहे लोगों की शिकायत पर रामगढ़ थाना में इस संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। लगाए गए आरोप राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित – वकील मामले की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने दलील दी कि विधायक एक धार्मिक आयोजन में शामिल हुई थीं और चुनाव प्रचार थमने के बाद उन्होंने किसी प्रकार की राजनीतिक अपील नहीं की थी। वकील ने कहा कि लगाए गए आरोप राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हैं और घटना को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। विधायक पूजा पाल को जमानत प्रदान कर दी अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद विधायक पूजा पाल को जमानत प्रदान कर दी। जमानत मिलते ही उनके समर्थकों में खुशी का माहौल देखा गया। वकील ने यह भी कहा कि पूरा मामला कोर्ट में साबित किया जाएगा और विधायक के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार सिद्ध होंगे।
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