अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर से नोबेल पीस प्राइज का मुद्दा उठाया है। ट्रम्प का कहना है कि अगर वे यूक्रेन युद्ध खत्म कर देते हैं तो उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। ट्रम्प ने यह भी कहा कि उन्होंने जिन युद्धों को खत्म किया, उसके लिए भी उन्हें शांति का पुरस्कार मिलना चाहिए था, हालांकि वे इसे लेकर लालची नहीं हैं। ट्रम्प ने दावा किया कि इस साल जिस महिला को नोबेल शांति पुरस्कार मिला है, उसने भी कहा कि यह पुरस्कार ट्रम्प को मिलना चाहिए था। उन्होंने कहा है कि वे यूक्रेन में चल रहे युद्ध को खत्म करने को लेकर काफी आशावादी हैं। व्हाइट हाउस में हुई कैबिनेट बैठक में ट्रम्प ने दावा किया कि वे पहले ही आठ युद्धों को खत्म कर चुके हैं और यूक्रेन का यह युद्ध उनका नौवां होगा। ट्रम्प ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को अयोग्य बताते हुए कहा कि वे राष्ट्रपति कार्यकाल में भी कुछ खास नहीं कर पाए। ट्रम्प ने कहा कि जब वे नाटो की बैठक में जाते थे, तो वहां लोग उन्हें ‘यूरोप का राष्ट्रपति’ कहकर बुलाते थे और यूरोपीय देश उनका बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका अब यूक्रेन युद्ध में उतना पैसा नहीं दे रहा है जितना बाइडेन के समय दिया जाता था। ट्रम्प के अनुसार, यूरोपीय देश अमेरिका से हथियार खरीदते हैं और फिर उन्हें यूक्रेन को दे देते हैं। अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी अन्य बड़ी खबरें… भारत को क्यों नहीं मिल रहा रूस से सस्ता तेल:अमेरिका, सऊदी और UAE से खरीद बढ़ी; ट्रम्प की धमकी या कोई और वजह भारत ने 4 साल में पहली बार रूस से तेल खरीदना कम कर दिया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2024 में रूस का शेयर 41% था जो सितंबर 2025 में घटकर 31% रह गया। इसकी एक बड़ी वजह भारत पर अमेरिका का 25% एक्स्ट्रा टैरिफ है। राष्ट्रपति ट्रम्प का कहना है कि भारत, रूस से कम कीमत में कच्चा तेल खरीद कर बेच रहा है। इससे पुतिन को यूक्रेन जंग जारी रखने में मदद मिल रही है। हालांकि ये सिर्फ अकेली वजह नहीं है, जिससे भारत रूसी तेल खरीदने से परहेज कर रहा है। पिछले एक साल में अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां तेजी से बदली हैं। पढ़ें पूरी खबर… भारत-रूस एक-दूसरे का मिलिट्री बेस इस्तेमाल कर सकेंगे:रक्षा समझौते को रूसी संसद की मंजूरी, पुतिन के भारत दौरे से पहले ऐलान रूस की संसद के निचले सदन स्टेट ड्यूमा ने मंगलवार को भारत और रूस के बीच हुए एक सैन्य समझौते ‘RELOS’ को मंजूरी दे दी है। इसके तहत दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के मिलिट्री बेस, फैसिलिटीज और संसाधनों का इस्तेमाल और एक्सचेंज कर सकेंगी। इनके विमान, वॉरशिप ईंधन भरने, मिलिट्री बेस पर डेरा डालने या अन्य लॉजिस्टिक सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकेंगे। इस पर आने वाला खर्च बराबर-बराबर उठाया जाएगा। यह मंजूरी राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे से दो दिन पहले दी गई है। यह समझौता इस साल 18 फरवरी को भारत और रूस के बीच किया गया था। पिछले हफ्ते रूसी प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन ने इसे संसद में मंजूरी के लिए भेजा था। पढ़ें पूरी खबर… पुतिन बोले-अगर यूरोप युद्ध चाहता है तो रूस तैयार है:पूरी ताकत से जवाब देंगे, उनकी ऐसी हार होगी कोई बचेगा नहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने मंगलवार को यूरोपीय देशों को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर यूरोप ने रूस के खिलाफ युद्ध शुरू किया, तो रूस पूरी तरह से जवाब देने के लिए तैयार है। पुतिन ने कहा कि रूस यूरोप से युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर यूरोप युद्ध शुरू करता है तो मामला इतना जल्दी खत्म होगा कि बातचीत करने वाला कोई नहीं बचेगा। पुतिन ने दावा किया कि यूक्रेन में रूस पूरी तरह युद्ध नहीं लड़ रहा है, बल्कि सर्जिकल ऑपरेशन जैसी सीमित कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर यूरोप के साथ सीधा युद्ध हुआ तो हालात अलग होंगे और रूस पूरी ताकत से जवाब देगा। पढ़ें पूरी खबर…
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