जस्टिस दत्ता ने कहा कि यदि पोर्टल में दिक्कतें हैं तो इसके प्रमाण पेश किए जाएं.SG ने दावा किया कि बड़ी संख्या में वक़्फ़ पहले ही पंजीकृत हो चुके हैं.वरिष्ठ वकील एम.आर.शम्शाद ने तर्क दिया कि मुद्दा पंजीकरण नहीं, बल्कि पंजीकृत संपत्तियों के डिजिटाइज़ेशन का है और यह पहलू अंतरिम आदेश में नहीं देखा गया.
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