संविधान दिवस के अवसर पर भाकपा (माले) ने बुधवार को देशव्यापी कार्यक्रम के तहत सीवान में जोरदार प्रतिरोध मार्च निकाला। ललित बस स्टैंड से शुरू हुआ यह मार्च बबुनिया मोड़ होते हुए जेपी चौक पहुंचा, जहां एक सभा आयोजित की गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता, किसान, मजदूर और छात्र शामिल हुए। भारत दुनिया का सबसे मजबूत लोकतांत्रिक गणराज्य सभा को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) के जिला सचिव हंसनाथ राम ने कहा कि 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान अंगीकृत हुआ और 26 नवंबर 1950 को लागू होकर भारत दुनिया का सबसे मज़बूत लोकतांत्रिक गणराज्य बना। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान मोदी सरकार संविधान और लोकतांत्रिक ढांचे पर लगातार हमले कर रही है, जिसे जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। अब तक एमएसपी पर कानून नहीं बनाया गया उन्होंने याद दिलाया कि 26 नवंबर 2020 को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के लाखों किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक आंदोलन की शुरुआत की थी, जिसमें 700 से अधिक किसानों ने शहादत दी। सरकार ने दबाव में कानूनों को वापस तो लिया, लेकिन अब तक एमएसपी पर कानून नहीं बनाया गया है तथा किसानों से किया गया वादा अधूरा ही है। हंसनाथ राम ने मजदूरों की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि चारों श्रम संहिताओं के लागू होने से श्रमिकों पर अभूतपूर्व हमला हुआ है। 8 घंटे की श्रम अवधि को 12 घंटे किया जा रहा है। 10-10 हजार रुपये देकर सरकार सत्ता में आई बिहार की राजनीतिक स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि 20 साल के नीतीश शासन से त्रस्त जनता बदलाव चाहती थी, लेकिन सत्ता पक्ष ने 10-10 हजार रुपये की सहायता, 1100 रुपये पेंशन और भय का वातावरण पैदा कर चुनावी परिणाम को प्रभावित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर से लेकर मतगणना तक बड़े पैमाने पर धांधली कर फासीवादी सरकार को फिर से सत्ता में बैठाया गया। बुलडोजर राज लागू करने की तैयारी हो रही उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण के महज छह दिन बाद ही गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री से लेकर भाजपा ने अपने हाथों में ले लिया है, जो स्पष्ट संकेत है कि बिहार में उत्तर प्रदेश की तरह बुलडोजर राज लागू करने की तैयारी हो रही है। नालंदा में 150 पासवान परिवारों के घरों पर बुलडोजर चलाकर इसकी शुरुआत हो चुकी है।
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