केंद्र सरकार ने श्रम कानूनों को सरल बनाने के लिए चार लेबर कोड को लागू कर दिया है। इन चारों लेबर कोड को लागू करने के लिए बिहार अपने श्रमिकों के लिए नया नियम बनाने जा रहा है। इसके तहत बिहार में काम के घंटे और महिलाओं के लिए नाइट ड्यूटी तय होगी। श्रम संसाधन विभाग के अनुसार, एक महीने के अंदर शर्त और नियम बना लिए जाएंगे। कैबिनेट में नियम का प्रस्ताव पास कराकर लागू कर दिया जाएगा। बिहार में श्रमिकों की स्थिति और चुनौतियों को देखते हुए नियम बनाए जा रहे हैं। बिहार में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की संख्या सबसे अधिक है। ई-श्रम पोर्टल के अनुसार 3 करोड़ 20 लाख श्रमिक असंगठित क्षेत्र से जुड़े हैं और 20-25 लाख श्रमिक संगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इसलिए यहां के श्रम कोड नियमों को असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। श्रम संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार महिला श्रमिकों से भी रात में ड्यूटी ली जाएगी। नाइट ड्यूटी से पहले महिलाओं से मर्जी जानी जाएगी। इसके साथ जिस भी संस्थान में एक या दो महिला कर्मचारी हैं, वहां नाइट ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। उनके लिए सुरक्षा से संबंधित पूरी व्यवस्था होगी। केंद्र सरकार ने चार नए लेबर कोड लागू किए हैं। पहले जो 29 अलग-अलग श्रम कानून थे, उनमें से जरूरी बातें निकालकर इन्हें अब 4 आसान और साफ नियमों में बदल दिया गया है। इन नए नियमों का मकसद हर कामगार को समय पर और ओवरटाइम वेतन, न्यूनतम मजदूरी, महिलाओं को बराबर मौका और सैलरी, सोशल सिक्योरिटी, फ्री हेल्थ चेकअप देना है। नए कानून से कर्मचारी को 5 की जगह सिर्फ 1 साल में ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। सामाजिक सुरक्षा संहिता ईपीएफ, ईएसआई, पेंशन और मातृत्व लाभ जैसी सुविधाओं को एकीकृत किया गया है। – दीपक आनंद, सचिव, श्रम संसाधन विभाग
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