पश्चिम चम्पारण के रामनगर में नगर परिषद की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। नगर परिषद के एक ट्रैक्टर-ट्रेलर से गन्ने की ढुलाई का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह घटना तब सामने आई है जब आमतौर पर नगर परिषद के वाहन कचरा उठाने और स्वच्छता कार्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं। नगर परिषद के वाहनों के दुरुपयोग को लेकर सवाल वायरल वीडियो में ट्रैक्टर-ट्रेलर पर भारी मात्रा में गन्ना लदा हुआ दिख रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद नगर परिषद के वाहनों के दुरुपयोग को लेकर चर्चा तेज हो गई है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि नगर परिषद के वाहनों का उपयोग पहले भी विभिन्न सरकारी, गैर-सरकारी और राजनीतिक गतिविधियों में होता रहा है। हालांकि, गन्ने की ढुलाई जैसे निजी कार्य में वाहन के इस्तेमाल से कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं। लोगों ने पूछा है कि यह गन्ना किसका था और स्वच्छता के लिए निर्धारित वाहन का उपयोग निजी फसल ढोने में क्यों किया गया। उप सभापति प्रतिनिधि ने ट्रैक्टर-ट्रेलर को एनजीओ का बताया इस मामले पर जब उप सभापति प्रतिनिधि सुजल सिंह से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो में दिख रहा ट्रैक्टर-ट्रेलर नगर परिषद का नहीं, बल्कि एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) का है। हालांकि, स्थानीय नागरिकों का दावा है कि यह ट्रैक्टर नगर परिषद परिसर में ही देखा गया था, जिससे इस वाहन के स्वामित्व और उपयोग को लेकर संदेह और गहरा हो गया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि यदि वाहन एनजीओ का है, तो वह नगर परिषद के स्वच्छता कार्यों में किस आधार पर शामिल था? और यदि यह नगर परिषद का वाहन है, तो इसका निजी उपयोग कैसे किया गया? इस वीडियो के वायरल होने के बाद नगर परिषद प्रशासन की पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
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