DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

राज्य की 48 निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा:वैज्ञानिक तरीके से नहीं निर्धारित किया जा रहा परियोजनाओं को पूरा करने का समय: मुख्य सचिव

राज्य में विकास के लिए हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, पर उनको पूरा करने का समय वैज्ञानिक तरीके से नहीं तय किया जा रहा है। मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने राज्य की 48 निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा की, जिसमें यह सामने आया है। उन्होंने सात विभागों के आला अधिकारियों को कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करें। उन परियोजनाओं की पहचान करें, जिनमें स्वीकृति तिथि से अब तक भूमि अधिग्रहण, वन स्वीकृति, लागत वृद्धि के कारण बहुत कम प्रगति हुई है। लेटलतीफी वाली ऐसी परियोजनाओं की गहन समीक्षा करें। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य परियोजना अनुश्रवण समूह की समीक्षा बैठक में 48 परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें जल संसाधन विभाग की 28, पथ निर्माण विभाग की 8, नगर विकास विभाग की 8 के साथ कृषि, पिछड़ा/अतिपिछड़ा वर्ग, पीएचईडी और ग्रामीण विकास विभाग की 1-1 परियोजना शामिल थी। पीएचईडी, कृषि, पिछड़ा, अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण और ग्रामीण विकास विभाग की 1-1 परियोजना की समीक्षा में पाया गया कि वे समय से बन रही हैं। मुख्य सचिव ने पथ निर्माण विभाग को कहा कि छपरा में गांधी चौक से नगरपालिका चौक तक डबल डेकर फ्लाईओवर का निर्माण दिसंबर 2026 तक पूर्ण करें। कोटवा से साहेबगंज और रूपौली से विजयघाट तक सड़क का चौड़ीकरण समय पर करें। सादिकपुर-पभेरा-मसौढ़ी रोड (एसएच-1) सड़क का फोरलेन चौड़ीकरण, मनुआपुल-योगापट्टी-नवलपुर-रतवल चौक रोड का चौड़ीकरण और कादिरगंज-खैरा पथ को दिसंबर 2025 तक पूरा करें। जल संसाधन विभाग के अधिकारी हर माह 5 परियोजनाओं का स्थल निरीक्षण करें मुख्य सचिव ने जल संसाधन विभाग के आला अधिकारियों को कहा कि हर माह निर्माणाधीन 5 परियोजनाओं का स्थल निरीक्षण करें। अभियंता परियोजनाओं का व्यक्तिगत रूप से स्थल निरीक्षण करें। सिंचाई परियोजनाओं में विलंब का कारण बन रहे ऊर्जा विभाग से संबंधित मसलों पर दोनों कंपनियों (एसबीपीडीसीएल, एनबीपीडीसीएल) के एमडी हर माह अवश्य एक बैठक करेंगे। नियमित फील्ड विजिट करेंगे। निर्देश दिया कि गलत डिजाइन और दोषपूर्ण मिट्टी परीक्षण जैसी संभावित त्रुटियों से बचते हुए सभी सिंचाई परियोजनाओं को बनाएं। परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए आवश्यक टाइमलाइन बनाएं। मुख्यमंत्री फैलोशिप योजना: आईआईएम बोधगया से करार
बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन और आईआईएम बोधगया के बीच एमओयू साइन हुआ। मुख्यमंत्री फैलोशिप योजना के तहत एमओयू का उद्देश्य प्रशासनिक सुधार, क्षमता निर्माण और नवाचार में पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि इससे बिहार के प्रशासनिक ढांचे में सुधार होगा। मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक स्तर पर युवा और अनुभवी विषय विशेषज्ञों को जोड़कर नीति निर्माण, कार्यान्वयन, और निर्णय प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। उन्होंने कहा कि चयनित फैलो को सरकारी विभागों में नीति निर्माण और कार्यान्वयन में सहायता प्रदान करने का अवसर मिलेगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. प्रतिमा ने कहा कि यह योजना बिहार के युवाओं को राज्य सरकार की नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में सक्रिय भागीदार बनाएगी। आईआईएम बोधगया की निदेशक डॉ. विनिता सहाय ने कहा कि बिहार की नई प्रतिभाएं आईआईएम बोधगया के साथ मिलकर अपने राज्य और देश के लिए एक नई दिशा तय करेंगी। मुख्यमंत्री फैलोशिप योजना


https://ift.tt/1K8qwyo

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *