योगापट्टी प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति एक बार फिर सामने आई है। दैनिक भास्कर टीम गुरुवार देर रात जब अस्पताल पहुंची तो कई गंभीर कमियां उजागर हुईं। ड्यूटी पर डॉक्टर मौजूद मिले और साफ-सफाई भी ठीक-ठाक दिखी, लेकिन प्रसूति वार्ड की हालत बेहद चिंताजनक पाई गई। ठंड में नवजात और प्रसूता बिना कंबल प्रसूति वार्ड में भर्ती महिलाओं के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में चादर तो दी जाती है, लेकिन कंबल की व्यवस्था नहीं है। बढ़ती ठंड के बीच प्रसूताओं और नवजात शिशुओं को बिना कंबल रहना पड़ रहा है। परिजनों के अनुसार, कंबल अस्पताल को उपलब्ध कराना चाहिए, लेकिन उन्हें अपने घर से लाना पड़ रहा है। जरूरी दवाएं नहीं, परिजनों की जेब पर बोझ मरीजों ने बताया कि अस्पताल में कई आवश्यक दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। उन्हें बाहर की दुकानों से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। गरीब परिवारों के लिए यह अतिरिक्त आर्थिक बोझ बन गया है। लोगों का आरोप है कि सरकार की मुफ्त दवा योजना का पूरा लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है। प्रसव के बाद नाश्ता व्यवस्था वर्षों से बंद प्रसूति वार्ड में भर्ती मीरा देवी, सविता देवी और रम्भा देवी ने बताया कि प्रसव के बाद मरीजों के लिए नाश्ते की सुविधा कई वर्षों से बंद है।प्रसूता महिलाओं को पोषणयुक्त आहार की जरूरत होती है, लेकिन अस्पताल में यह सुविधा न होने से उन्हें खुद इंतजाम करना पड़ता है। इससे मरीजों और परिजनों में रोष है। शिकायतों के बावजूद नहीं सुधार ग्रामीणों ने बताया कि कई बार शिकायत करने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। उन्होंने उच्च अधिकारियों से कंबल, दवा और नाश्ता जैसी बुनियादी सुविधाओं को तुरंत बहाल करने की मांग की है। उनका कहना है कि इन व्यवस्थाओं के सुधरने से प्रसूताओं को काफी राहत मिलेगी। “कंबल का आपूर्ति आदेश नहीं, नाश्ते का टेंडर लंबित” प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अब्दुल गनी ने बताया कि कंबल की आपूर्ति सरकार द्वारा नहीं की गई है, जिसके लिए विभाग को मांग भेजी गई है। वहीं नाश्ता व्यवस्था टेंडर प्रक्रिया अधूरी रहने के कारण बंद है।उन्होंने कहा कि मांग की जा चुकी है, लेकिन टेंडर नहीं होने से मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
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