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यूपी स्टाइल में बिहार में होगा क्राइम कंट्रोल:20 साल बाद सत्ता का पावर सेंटर बदला, डिप्टी सीएम सम्राट अब गृह मंत्री

‘अपराधी या तो जेल में होंगे या कब्र में’ सम्राट चौधरी का यह डायलॉग अब सिर्फ बयान नहीं, बिहार की नई सत्ता का पावर सेंटर बन गया। 20 साल तक गृह विभाग नीतीश कुमार के पास रहा, लेकिन 2025 में पहली बार यह विभाग बीजेपी को गया और सीधा सम्राट चौधरी के पास। इसका मतलब है कि नीतीश अब केवल चेहरा हैं, सत्ता का कंट्रोल अब एक अणे मार्ग से 5 देशरत्न मार्ग शिफ्ट हो गया। सम्राट चौधरी पर क्राइम, माफिया पर कार्रवाई, दंगों की रोकथाम, पुलिस सिस्टम, खुफिया रिपोर्ट पर एक्शन लेने की जिम्मेदारी होगी। यह बदलाव नीतीश की सबसे बड़ी राजनीतिक कमजोरी और बीजेपी की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरेगा। गृह मंत्रालय बीजेपी के पास जाने से क्या होगा? बिहार के पॉलिटिक्स में क्या बदलाव आ सकता है? बीजेपी इससे क्या निशाना साधेगी? नीतीश के हाथ क्या रहेगा? पढ़िए भास्कर एनालिसिस… 4 पॉइंट में समझिए गृह विभाग जाने के मायने 1- नीतीश की शक्ति टूटी, लॉ एंड ऑर्डर के सारे फैसले BJP के पास नीतीश को पुलिस के बल पर ही सुशासन बाबू कहा जाता था। वे अपनी पुलिस के जरिए से ही अपराधियों पर नकेल लगाने के लिए जाने जाते हैं और बिहार में यह कहा भी जाता है कि जिसके पास गृह विभाग, वही राज्य की असली शक्ति चलाता है। 2005–2025 तक यह शक्ति नीतीश कुमार के पास थी, लेकिन 2025 में पहली बार उनके हाथ से चली गई। अब अपराधियों के खिलाफ सारे फैसले भाजपा के सम्राट चौधरी लेंगे। भास्कर कार्टूनिस्ट चंद्रशेखर हाड़ा की नजर से….. 2- पुलिस पोस्टिंग से होता है राजनीतिक नियंत्रण बिहार में आईपीएस, डीएसपी, थानेदार इनकी नियुक्ति ही जमीन पर राजनीतिक लाभ तय करती है। अब यह सत्ता नीतीश से निकलकर बीजेपी के पास चली गई है। बड़े ऑपरेशन, सीआईडी, आर्थिक अपराध, अपराधी-राजनेताओं की फाइलों पर कौन कार्रवाई करेगा, कौन बचेगा यह अब नीतीश तय नहीं करेंगे। अब इस पर सम्राट चौधरी फैसला लेंगे। 3- कानून व्यवस्था का दबाव BJP पर, उसी की परफॉर्मेंस दिखेगी कानून-व्यवस्था पर विपक्ष का सवाल अब सीधे नीतीश पर नहीं, बीजेपी पर आएगा यानी नीतीश राजनीतिक दबाव से मुक्त और बीजेपी अब अपनी परफॉर्मेंस से सत्ता के केंद्र में दिखाई देगी। गृह विभाग जाने का मतलब यह भी है कि नीतीश के पास सिर्फ “प्रशासनिक चेहरा” रह जाएगा। उनके पास शक्ति नहीं होगी। वे मुख्यमंत्री तो हैं पर शक्ति-संतुलन अब बदल गया है। 4- सम्राट अब ‘UP-स्टाइल’ पुलिस मॉडल की ओर जाएंगे? पिछले विधानसभा सत्र में सम्राट चौधरी ने एक डायलॉग दिया, ‘बिहार में अपराधी अब जेल में होंगे या कब्र में’ सम्राट के इस डायलॉग को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जोड़कर देखा गया। सम्राट की कार्यशैली और उनके बयान साफ संकेत देते हैं कि वे “कानून-व्यवस्था का UP मॉडल” लाना चाहेंगे। वे अवैध हथियारों के बड़े ऑपरेशन, गुंडा एक्ट, संपत्ति जब्ती, बुलडोजर कल्चर, नशे और माफिया के खिलाफ रातों-रात कार्रवाई करेंगे तो इसका स्टेट-वाइड राजनीतिक असर होगा। क्या भाजपा 2029 की तैयारी है? 3 पॉइंट में समझिए 1- सम्राट को बिहार में सबसे बड़ा चेहरा बनाने की तैयारी बीजेपी बिहार में अपना भविष्य का चेहरा तैयार करना चाहती है। और गृह विभाग जैसा बड़ा मंत्रालय एक ऐसे नेता को दिया जाता है जो भविष्य में CM फेस भी बन सके। सम्राट BJP के लिए उसी प्रोफाइल में फिट बैठते हैं। 2- तेजस्वी यादव Vs सम्राट चौधरी: बिहार की नई राजनीतिक लड़ाई बिहार की राजनीति लंबे समय तक लालू vs नीतीश पर टिकी रही। अब बीजेपी इसे धीरे-धीरे बदलकर तेजस्वी Vs सम्राट के मुकाबले में लाएगी। क्योंकि दोनों युवा हैं, दोनों के पास ओबीसी का आधार है। दोनों आक्रामक भाषा बोलते हैं। सम्राट के पास अब जो राजनीतिक हथियार आया है- गृह विभाग। वह तेजस्वी के खिलाफ ‘कानून बनाम अव्यवस्था’ का नरेटिव खड़ा करेगा। 3- नीतीश पर मनोवैज्ञानिक दबाव बिहार का पावर सेंटर अब BJP के पास है। ड्रग्स, सैंड माफिया, जमीन माफिया, हथियार तस्करी इन सबके बड़े ऑपरेशन अब बीजेपी के निर्देश पर चलेंगे। यह 2029 के लिए पार्टी को मजबूत आधार देगा। हीं नीतीश का प्रशासनिक कंट्रोल खोता हुआ दिखाई देगा। इससे बीजेपी मनोवैज्ञानिक रूप से बढ़त लेती दिखाई देगी। एक्सपर्ट बोले- योगी स्टाइल में काम नहीं हो पाएगा सम्राट चौधरी को गृह विभाग मिलने के बाद बिहार की पुलिसिंग पर इसका क्या असर पड़ेगा? क्या बिहार में भी पड़ोसी राज्य यूपी के तर्ज पर यहां भी योगी मॉडल को पुलिसिंग में लागू किया जाएगा? इन सवालों का जवाब जानने के लिए रिटायर्ड IPS एसके भारद्वाज से बात की गई। उनके अनुसार गृह विभाग देने से बिहार की पुलिसिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि, IPS अधिकारियों के ट्रांसफर का पावर मुख्यमंत्री के पास ही रहेगा। हां, गृह मंत्री के पास DSP स्तर के पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर का अधिकार जरूर रहेगा। IPS का ट्रांसफर-पोस्टिंग वो तब ही कर पाएंगे जब को कानून में किसी प्रकार का बदलाव होगा। निश्चित तौर पर गृह एक महत्वपूर्ण विभाग है। जहां तक बात यूपी की है तो योगी स्टाइल से काम नहीं हो पाएगा। क्योंकि, नीतीश कुमार कानून के तहत चलने वाले हैं। ————— ये खबर भी पढ़िए… बिहार में 20 साल बाद नीतीश ने गृह मंत्रालय छोड़ा:BJP के सम्राट चौधरी को जिम्मेदारी, फाइनेंस JDU के पास, मंगल पांडे फिर स्वास्थ्य मंत्री नीतीश मंत्रिमंडल में बड़ा बदलाव किया गया है। 20 साल बाद नीतीश कुमार ने गृह विभाग छोड़ा है। ये विभाग अब BJP के पास चला गया है। डिप्टी CM सम्राट चौधरी गृह विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे। BJP ने वित्त विभाग JDU को दिया है। बिजेंद्र यादव ऊर्जा के साथ वित्त विभाग का जिम्मा भी देंखेंगे। इसके साथ ही मंगल पांडे को फिर से स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा सौंपा है। पहली बार मंत्री बनीं नेशनल शूटर श्रेयसी सिंह को खेल विभाग दिया गया है। HAM के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन का विभाग नहीं बदल गया। वे फिर से लघु जल संसाधन विभाग के मंत्री होंगे। पूरी खबर पढ़िए


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