संजय ठाकुर/एफ रहमान | योगापट्टी/नरकटियागं ज जिले के कई जगहों पर जाति समुदाय का भेदभाव नही है। लोक आस्था से जुड़े इस महापर्व को हिंदुओं के साथ मुस्लिम समुदाय के लोग भी पूरे विधि विधान से मनाते है। फर्क बस इतना है कि हिंदू अपनी परंपरा को विकसित करने के लिए श्रद्धा पूर्वक व्रत करता है, तो मुस्लिम समुदाय के लोग मन्नत पूरी होने पर पूरे आस्था से व्रत करते है। यह स्थिति केवल एक जगह की नहीं है। बल्कि जिले के नरकटियागंज, बेतिया, योगापट्टी, मैनाटांड़, बगहा, रामनगर आदि प्रखंडों में ऐसे सैकड़ों मुस्लिम परिवार है जो लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ को पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं। केस वन : पुत्र प्राप्ति हुई तो मां और बेटी ने शुरू किया छठ महापर्व योगापट्टी के नवगांव निवासी हरेन गद्दी की पत्नी लीलावती खातून अपनी पुत्री मैमुल खातून के साथ छठ कर रही है। बताया कि बेटी की शादी के बाद संतान नहीं हो रहा था। 2020 में गांव की एक महिला ने छठ माता का प्रसाद दिया। एक साल के अंदर ही उसे छठी माई ने पुत्र दे दिया। 2021 से दोनों मां बेटी छठ करती हैं। केस थ्री : बीमारी ठीक हुई तो कर रही छठ महापर्व योगापट्टी थाना क्षेत्र के परेगवा निवासी नाजमा खातून इस साल से छठ कर रही है। नजमा ने बताया कि वह तीन सालों से लगातार अपनी बीमारी से परेशान थी। बार बार बेहोश हो जा रही थी, गर्दन घूम जा रहा था। गोरखपुर, बनारस सहित कई जगहों पर इलाज करवाया, लेकिन बीमारी ठीक नही हुई। पिछले साल एक महिला की सलाह पर छठ घाट पर जाकर बीमारी ठीक होने की मन्नत मांगी। इसके बाद बीमारी ठीक हो गई। नजमा बताती है उनका आस्था व विश्वास छठी मइया में है। वह इस साल से छठ कर रही है।
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