मुजफ्फरपुर में ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (AIUTUC) और एटक (AITUC) ने मजदूर विरोधी चार लेबर कोड के खिलाफ संयुक्त प्रतिवाद मार्च निकाला। यह मार्च खुदीराम बोस स्मारक स्थल, कंपनीबाग से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए प्रधान डाकघर के सामने समाप्त हुआ। यहां लेबर कोड की प्रतियां जलाई गईं और एक सभा का आयोजन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए एआईयूटीयूसी के राज्य अध्यक्ष नरेश राम ने कहा कि मजदूरों ने लंबे संघर्षों और कुर्बानियों के बल पर स्थायी प्रकृति के काम में स्थायी नौकरी, पेंशन, बोनस, ग्रेच्युटी, पीएफ, ईएसआई, छुट्टी, सामाजिक सुरक्षा का अधिकार और हड़ताल करने का अधिकार जैसे महत्वपूर्ण फायदा हासिल किए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने आंदोलन कमजोर होने का फायदा उठाकर 29 पुराने श्रम कानूनों को निरस्त कर 21 नवंबर 2025 को चार नए लेबर कोड लागू किए हैं, जो पूरी तरह से मजदूर विरोधी हैं। कामों से वंचित होने की कही बात एआईयूटीयूसी के जिला संयोजक रामसेवक पासवान ने बताया कि पुराने लेबर कोड में खामियां होने के बावजूद मजदूर धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के बल पर अपने हक-अधिकारों को कुछ हद तक मनवाने में सक्षम हुआ करते थे। उन्होंने आशंका जताई कि नए चार श्रम कोड लागू होने से मजदूरों को 8 घंटे के बजाय 12 घंटे काम करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और उन्हें स्थायी प्रकृति के कामों से वंचित कर दिया जाएगा। एटक के शंभू शरण ठाकुर ने कहा कि इन नए कोड्स के तहत मजदूरों को रखने और हटाने का अधिकार पूरी तरह से मालिकों के अधीन रहेगा। उन्होंने यह भी चिंता व्यक्त की कि महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने के नाम पर रोजगार से हटाने का बहाना मालिकों को मिल जाएगा। बैंक ऑफ इंडिया के जिला सचिव पंकज ठाकुर ने कहा कि चार लेबर कोड से मजदूरों को पीएफ, पेंशन, छुट्टी, सामाजिक सुरक्षा और ईएसआई जैसे महत्वपूर्ण अधिकारों से वंचित होना पड़ेगा। उनके अनुसार, उपरोक्त सारे अधिकार अब मालिकों की इच्छा पर निर्भर करेंगे।
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