मुजफ्फरपुर के सुजावलपुर विद्युत उपकेंद्र के तहत आने वाले लकड़ी और फर्नीचर उद्योग से जुड़े छोटे कारीगरों ने बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। वे विभाग की ओर से भेजे गए भारी-भरकम जुर्माने और टैरिफ बदलने के फरमान से परेशान हैं। अपनी आजीविका पर मंडराते खतरे को देखते हुए, दर्जनों कामगारों ने बिजली कार्यालय के बाहर एकजुट होकर विभाग की कथित मनमानी के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी कारीगरों का कहना है कि वे अपने घरों में छोटे स्तर पर फर्नीचर बनाने का काम करते हैं, जिसके लिए मात्र एक छोटी मोटर का उपयोग होता है। विभाग ने ‘घरेलू’ कनेक्शन के बजाय ‘औद्योगिक’ या बड़े कारखाने के टैरिफ श्रेणी में डालने का फरमान जारी किया है। इसके अलावा विभाग ने मनमाने ढंग से किसी को 30 हजार रुपए तो किसी को 50 हजार रुपए तक का भारी जुर्माना भी लगाया है। घर चलाना मुश्किल है, हजारों रुपए का जुर्माना कैसे भरे कामगारों का तर्क है कि बिजली टैरिफ के आदेशों में स्पष्ट रूप से फर्नीचर निर्माण को उस विशेष श्रेणी में नहीं रखा गया है, जिसके तहत विभाग जबरन कनेक्शन बदलने की बात कर रहा है। लघु उद्योग से जुड़े इन लोगों का कहना है कि वे मुश्किल से अपना घर चला पाते हैं, ऐसे में हजारों रुपए का जुर्माना भरना उनके लिए असंभव है। कारीगरों ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग के अधिकारी बिना उचित जांच-पड़ताल किए और नियमों की अनदेखी करते हुए जबरन जुर्माना वसूलने पर तुले हुए हैं। विभाग ने चेतावनी दी है कि जुर्माना न भरने पर उनके बिजली कनेक्शन काट दिए जाएंगे, जिससे उनके सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन और बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है, ताकि छोटे उद्यमियों को राहत मिल सके और विभाग की मनमानी पर रोक लगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे।
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