साहित्य के महाकुंभ ‘साहित्य आजतक 2025’ के तीसरे और अंतिम दिन आयोजित सत्रों में से एक सत्र था- गीत गाता हूं मैं, गुनगुनाता हूं मैं. जिसमें खासतौर पर आमंत्रित रहे- माधव कौशिक (कवि, लेखक और प्रेसिडेंट, साहित्य अकादमी), ओम निश्चल (कवि, क्रिटिक और ‘मेरा दुख सिरहाने रख दो और कोई मेरे भीतर जैसे धुन में गए’ के लेखक), नीतीश्वर कुमार (IAS-कवि, एडिशनल सेक्रेटरी और फाइनेंशियल एडवाइजर, महिला और बाल विकास मंत्रालय और कह दो न के लेखक) और प्रो. संगीत रागी (कवि और लेखक). इस दौरान अपनी कौन सी बेहतरीन कविताएं सुनाईं, जानने के लिए देखें इस पूरे सेशन का ये वीडियो.
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